Last Solar Eclipse of 2025: भारत में नहीं दिखेगा यह पूर्ण ग्रहण सूतक काल भी अमान्य जानिए कहां दिखेगा
News India Live, Digital Desk: Last Solar Eclipse of 2025: साल 2025 का आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण सूर्य ग्रहण जल्द ही लगने वाला है। 21 दिसंबर 2025 को होने वाला यह खगोलीय घटना अपने आप में विशेष होगी। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेगा, जिससे पृथ्वी पर कुछ क्षेत्रों में दिन में भी रात जैसा नजारा देखने को मिलेगा।
हालांकि, भारतीय ज्योतिष और धर्म में इसका महत्व होने के बावजूद, भारत के निवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है कि यह पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य ग्रहण किसी क्षेत्र में दिखाई देता है, तभी सूतक काल के नियम वहां लागू होते हैं, जिसका अर्थ है कि 21 दिसंबर 2025 को भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
यह ग्रहण कनाडा, चिली, अर्जेंटीना, प्रशांत और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में साफ तौर पर देखा जा सकेगा। इसके अलावा, अफ्रीका के दक्षिणी क्षेत्रों, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण प्रशांत महासागर और अंटार्कटिका में भी इसके दर्शन होंगे, जहां यह अपनी पूर्णता में नजर आएगा।
ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से, ग्रहण को एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य देव पर राहु और केतु के अशुभ प्रभाव की मान्यता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि किसी क्षेत्र में ग्रहण का दर्शन होता है, तो वहां कई बातों का ध्यान रखा जाता है। इसमें नग्न आंखों से ग्रहण को सीधे देखने से बचना, किसी भी शुभ या नए कार्य की शुरुआत न करना, भोजन या पानी ग्रहण न करना शामिल है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के प्रभाव से बचाने के लिए तुलसी के पत्ते उनके पास रखे जाते हैं, और पानी या दूध जैसे खाद्य पदार्थों में भी तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना और स्नान के बाद दान-पुण्य करना विशेष फलदायी माना जाता है। बाल और नाखून काटने जैसी गतिविधियां भी टाली जाती हैं, और तेल मालिश से भी बचा जाता है।
चूंकि 21 दिसंबर 2025 का यह पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, भारतीय लोग बिना किसी चिंता के अपने दैनिक कार्यों और पूजा-पाठ में लगे रह सकते हैं। यह खगोलीय घटना उन क्षेत्रों के लिए विशेष होगी जहां इसका प्रत्यक्ष दर्शन होगा, लेकिन भारत के लिए इसका कोई सूतक या धार्मिक प्रभाव नहीं होगा।
--Advertisement--