हथिनीकुंड बैराज पर बड़ा खतरा, दिल्ली-हरियाणा में बढ़ सकता है बाढ़ का जोखिम: रिपोर्ट
हथिनीकुंड बैराज... यह नाम हम हर साल मानसून में तब सुनते हैं जब यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता है और दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। हम बस यही जानते हैं कि यहां से पानी छोड़ा जाता है। लेकिन अब एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जो बता रही है कि खतरा सिर्फ ज्यादा पानी छोड़े जाने का नहीं है, बल्कि खुद इस बैराज और नदी के बदलते बर्ताव का है।
क्या है ये चौंकाने वाला खुलासा?
अपर यमुना नदी बोर्ड (UYRB) की एक ताजा रिपोर्ट ने बहुत बड़ी चिंता जताई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना नदी हथिनीकुंड बैराज के ठीक नीचे, अपनी ही जमीन को बहुत तेजी से काट रही है। आसान भाषा में कहें तो, नदी बैराज के ठीक आगे अपनी गहराई बढ़ाती जा रही है और किनारों को काट रही है, जिसे 'कटाव' (Erosion) कहते हैं।
यह खतरनाक क्यों है?
इसे ऐसे समझिए, बैराज एक मजबूत गेट की तरह है जो नदी के बहाव को नियंत्रित करता है। अगर इस गेट के ठीक आगे की जमीन (नींव) ही कमजोर हो जाए या कटकर बह जाए, तो यह पूरे बैराज के ढांचे के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन सकता है।
रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि यह कटाव सामान्य नहीं है, और अगर इसे समय पर नहीं रोका गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह सिर्फ बैराज की सुरक्षा का सवाल नहीं है, बल्कि इससे downstream, यानी हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और भी अप्रत्याशित और विनाशकारी हो सकता है।
रिपोर्ट की मुख्य चिंताएं:
- तेज बहाव का खतरा: नदी का तेज बहाव और लगातार हो रहा कटाव बैराज की नींव को कमजोर कर रहा है।
- गाइड-बांध का नुकसान: नदी के किनारों को बचाने के लिए जो सुरक्षा दीवार (गाइड-बांध) बनी है, उसे भी इस कटाव से नुकसान पहुंच रहा है।
- अनियंत्रित बाढ़ का डर: अगर बैराज को कुछ हो गया, तो यमुना में पानी का बहाव अनियंत्रित हो सकता है, जिससे निचले इलाकों में तबाही आ सकती है।
इस रिपोर्ट ने संबंधित विभागों को नींद से जगा दिया है। अब यह देखना होगा कि इस गंभीर चेतावनी पर कितनी जल्दी और कितनी असरदार कार्रवाई होती है, क्योंकि यह लाखों लोगों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है।
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