Land Registry Rules 2025: खरीद-बिक्री से पहले जरूर जान लें ये बातें

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Land Registry Rules 2025 : अगर आप जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं तो 2025 में लागू हुए नए भूमि पंजीकरण (Land Registry) नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने शक-फरेब, काले धन और बेनामी सौदों पर लगाम कसने के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है। आइए विस्तार से समझते हैं इसके मुख्य प्रावधान, जरूरी दस्तावेज और नया PAN कार्ड सत्यापन नियम—

क्यों बदले गए हैं नियम?

जमीन खरीद और बिक्री में नकद लेन-देन, फर्जी नाम और काली कमाई के मामलों में बढ़ोतरी के चलते सरकार ने नियमों को सख्त व डिजिटल बना दिया है।

नया सिस्टम खरीदार और विक्रेता दोनों की सही-सही पहचान, बैंकिंग ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग को सुनिश्चित करता है, जिससे संपत्ति का हर मालिकाना हक और सबंधित वित्तीय ट्रांजेक्शन ट्रेस हो सके।

क्या है नया नियम? (Land Registry Rules 2025)

1. PAN कार्ड अनिवार्य, ऑनलाइन सत्यापन

अब जमीन अथवा फ्लैट आदि की रजिस्ट्री के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों का PAN (पैन) कार्ड देना और उसका डिजिटल सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है।

केवल PAN नंबर देना काफी नहीं, रजिस्ट्री ऑफिस में उसकी वैधता जांची जाएगी। PAN की जांच होने के बाद ही रजिस्ट्री संभव है।

2. आधार कार्ड एवं बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

संपत्ति के रजिस्ट्रेशन में आधार कार्ड को प्राइम आइडेंटिटी टूल बनाया गया है, लेकिन अगर आपके पास आधार नहीं हैं, तो पासपोर्ट या वोटर आईडी जैसी अन्य सरकारी मान्य पहचान भी मान्य है।

पहचान सत्यापन बायोमेट्रिक तरीके से किया जाएगा—इससे बेनामी सौदों पर बहुत हद तक रोक लग जाएगी।

3. डिजिटल व ऑनलाइन रजिस्ट्री

संपत्ति रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी—इच्छुक व्यक्ति घर बैठे पोर्टल पर आवेदन करके जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकता है। रजिस्ट्री दस्तावेज डिजिटल रूप में मिलेंगे और पुराना 117 साल पुराना मैनुअल सिस्टम अब खत्म किया जा रहा है।

4. सब लेन-देन रिकॉर्डेड (एग्रीमेंट टू सेल, सेल डीड, पावर ऑफ अटॉर्नी...)

केवल सेल डीड ही नहीं बल्कि एग्रीमेंट टू सेल, पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल सर्टिफिकेट आदि सभी सौदों का भी डिजिटल रजिस्ट्रेशन जरूरी किया गया है।

5. कैश पेमेंट पर रोक, सबकुछ कैशलेस

रजिस्ट्रेशन फीस या स्टांप ड्यूटी अब केवल ऑनलाइन मोड (UPI, नेटबैंकिंग, कार्ड) से ही स्वीकार होगी—नकद लेनदेन पर पूरी तरह रोक।

किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी? (Land Registry में जरूरी डॉक्युमेंट)

खरीदार और विक्रेता दोनों का PAN कार्ड (सत्यापित)

पहचान पत्र: आधार कार्ड/पासपोर्ट/वोटर आईडी (किसी एक की प्रति)

पासपोर्ट साइज फोटो (दोनों पक्ष)

सेल डीड/एग्रीमेंट टू सेल/पावर ऑफ अटॉर्नी

संपत्ति के टैक्स रसीद या खाता, खसरा, खतौनी (गांव/नगर निगम के लिए)

बैंक डिटेल व IFSC कोड, भुगतान रसीद

एनओसी (No Objection Certificate) और पुरानी लोन/कर्ज रहितता का सर्टिफिकेट (एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट)

नए कानून का उद्देश्य और फायदा

बेनामी संपत्ति, फर्जी नाम और कालेधन के निवेश को रोकना

सरकार के पास हर संपत्ति का एक डिजिटल ट्रांसपेरेंट रिकॉर्ड रहे

टैक्स चोरी रोकने व स्टेटस-पबलिक डाटा बेस के तहत क्लियर ओनरशिप टाइटल तैयार करना

कोर्ट केस और जायदाद विवादों की संख्या में भारी कमी लाना

रियल एस्टेट में निवेशकों और खरीदारों का भरोसा और आसान प्रक्रिया

कौन-कौन से राज्य लागू कर चुके हैं?

केंद्र के आदेश के बाद लगभग सभी राज्य, खास तौर से यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु आदि अपने यूपीडेशन के साथ इस डिजिटल लैंड रजिस्ट्री व्यवस्था को अपना चुके हैं और बाक़ी राज्य भी इन नियमों को 2025 के भीतर लागू कर देंगे।

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