Krishna Paksha : भगवान विष्णु को समर्पित अजा एकादशी, शुभ मुहूर्त और ध्यान रखने योग्य बातें
- by Archana
- 2025-08-18 12:32:00
News India Live, Digital Desk: Krishna Paksha : हिंदू पंचांग के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है. साल 2025 में अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा. एकादशी तिथि 18 अगस्त 2025 को शाम 5:22 बजे शुरू होगी और 19 अगस्त 2025 को दोपहर 3:32 बजे समाप्त होगी. चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है, इसलिए यह व्रत 19 अगस्त को ही रखा जाएगा. इस व्रत का पारण 20 अगस्त 2025 को सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले, सुबह 5:53 बजे से 8:29 बजे के बीच किया जाएगा.
अजा एकादशी का व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है, कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस एकादशी की कथा सुनने या पढ़ने मात्र से भी आध्यात्मिक लाभ मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है.
व्रत के महत्वपूर्ण नियम और पूजन विधि
एकादशी का व्रत करने वाले भक्तों को दशमी तिथि (व्रत के एक दिन पहले) से ही सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और तामसिक भोजन जैसे लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
पूजन विधि में भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करना चाहिए. उन्हें तुलसी दल, फूल, घी का दीपक और धूप अर्पित करनी चाहिए. इस दिन 'ओम नमो नारायणाय' मंत्र का जाप, विष्णु सहस्रनाम का पाठ और भगवान कृष्ण के भजन गाने चाहिए.
व्रत के दौरान भक्त अपनी क्षमतानुसार निर्जला (बिना जल के) व्रत रख सकते हैं या फलाहार (फल और दूध) का सेवन कर सकते हैं. इस दिन चावल, दाल और अनाज का सेवन पूर्णतः वर्जित होता है. रात्रि जागरण कर भगवान का भजन-कीर्तन करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है
द्वादशी के दिन (20 अगस्त) सूर्योदय के बाद और विष्णु पूजा करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाना चाहिए. हरि वासर के दौरान पारण नहीं करना चाहिए, जो द्वादशी तिथि के पहले चौथाई हिस्से की अवधि होती है. ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
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