Korean Peninsula : बड़ी बैठक के बीच उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण, क्या ट्रंप के आने का इंतजार कर रहा है किम जोंग?

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News India Live, Digital Desk: Korean Peninsula : एक तरफ जहां दुनिया के बड़े नेता एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) समिट के लिए इकट्ठा हो रहे थे, वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया ने एक बार फिर मिसाइल दागकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या उत्तर कोरिया का यह कदम ट्रंप के संभावित दूसरे कार्यकाल से जुड़ा हुआ है?

उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल पूर्वी सागर की ओर दागी। यह कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसके समय को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उत्तर कोरिया इस तरह के परीक्षणों के जरिए दुनिया, खासकर अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान उनकी और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की कई मुलाकातें हुई थीं। दोनों नेताओं के बीच एक अलग तरह का रिश्ता देखने को मिला था, जो पहले कभी नहीं देखा गया। हालांकि, उन मुलाकातों का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, लेकिन बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रहा। अब जब ट्रंप के 2025 में फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, तो किम जोंग का यह मिसाइल परीक्षण एक तरह से अपनी ताकत दिखाने और भविष्य की बातचीत के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

यह मिसाइल परीक्षण APEC समिट के दौरान हुआ, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हो रहे हैं। ऐसे में इसे सीधे तौर पर अमेरिका को एक संदेश देने की कोशिश माना जा रहा है। उत्तर कोरिया शायद यह दिखाना चाहता है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और अगर उससे बातचीत करनी है, तो उसकी शर्तों को ध्यान में रखना होगा।

इस घटना ने एक बार फिर से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। अब देखना यह होगा कि अमेरिका और दुनिया के बाकी देश इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह घटना भविष्य में अमेरिका और उत्तर कोरिया के रिश्तों की नई दिशा तय करेगी, खासकर तब, जब व्हाइट हाउस में सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं बन रही हैं।

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