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हेयर स्ट्रेटनिंग करवाने से पहले जान लें ये बातें, हो सकता है बड़ा नुकसान!

पहले लोग बालों को चमकदार और मुलायम बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ हर क्षेत्र में बदलाव हुए हैं और स्किन केयर से लेकर हेयर केयर तक के लिए बाजार में महंगे प्रोडक्ट और ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं। बेजान और रूखे बालों को चमकदार और मुलायम बनाने के लिए कैरोटीन ट्रीटमेंट करवाया जाता है। इसके अलावा लोग बालों में हेयर स्ट्रेटनिंग भी करवाते हैं, जिसमें कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल होता है। कामकाजी लड़कियों में इसका क्रेज खूब देखा जा रहा है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह आपके लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है? 

हेयर कैरोटीन और हेयर स्ट्रेटनिंग करवाने की प्रक्रिया करीब 3 घंटे लंबी होती है, जिसमें कई तरह के केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है। कैरोटीन करीब 3 महीने तक रहता है और हेयर स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने इसे कितने समय तक करवाया है, जैसे 6 महीने या 1 साल। इसके लिए बार-बार ट्रीटमेंट सेशन लेने पड़ते हैं। इसकी वजह से आप कई बार केमिकल के संपर्क में आते हैं, लेकिन आप सोच भी नहीं सकते कि ये कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट आपको गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकते हैं।

रिपोर्ट चौंकाने वाली, किडनी फेलियर का खतरा

‘द न्यूज़ीलैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 26 वर्षीय महिला को हेयर स्ट्रेटनिंग प्रक्रिया के कारण किडनी को नुकसान पहुंचा है। इस अध्ययन में कहा गया है कि महिला ने 2020 से 2022 के बीच तीन बार सैलून में हेयर स्ट्रेटनिंग प्रक्रिया करवाई, जिसमें ग्लाइऑक्सीलिक एसिड-आधारित उत्पादों का इस्तेमाल किया गया था।

महिला को हर सिटिंग के बाद बुखार, डायरिया, जी मिचलाना और कमर दर्द जैसी समस्या होती थी, जिसके बाद डॉक्टरों की जांच में पाया गया कि महिला के खून में क्रिएटिनिन का स्तर अधिक था, जिसके कारण उसकी किडनी ठीक से काम नहीं कर पा रही थी। 

कैंसर का भी खतरा है

फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग की स्त्री रोग विभाग की निदेशक डॉ. अपर्णा जैन के अनुसार, हेयर स्ट्रेटनिंग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से महिलाओं में स्तन और गर्भाशय कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, इसके अत्यधिक इस्तेमाल से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है।

आप कितनी बार बाल सीधे करवाते हैं, उससे भी अधिक जोखिम

डॉ. अपर्णा जैन के अनुसार, जो महिलाएं साल में 4 बार से अधिक हेयर स्ट्रेटनिंग उपचार कराती हैं, उनमें अन्य महिलाओं की तुलना में डिम्बग्रंथि और स्तन कैंसर होने का खतरा 30 प्रतिशत अधिक होता है।

सुरक्षित विकल्प क्या हैं?

हेयर स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट या कैरोटीन ट्रीटमेंट की जगह आपको डीप कंडीशनिंग करवानी चाहिए। इससे आपके बाल हाइड्रेट रहते हैं और मुलायम बनते हैं। केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल करने की जगह अगर आप नियमित रूप से अंडे की दही आदि चीजों से बने हेयर मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपके बाल प्राकृतिक रूप से मुलायम और चमकदार बने रह सकते हैं। इसके साथ ही अच्छी डाइट और भरपूर पानी पीने से भी बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है। बालों के झड़ने की समस्या से राहत मिलती है। अगर आप हेयर स्ट्रेटनिंग करवाना चाहते हैं तो पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें और पूरी सावधानी के साथ हेयर ट्रीटमेंट करवाएं।