अमिताभ बच्चन की डॉन के लिए एक अंडरवियर ब्रांड कैसे बन गया था मुसीबत का सबब, जानिए दिलचस्प किस्सा

Post

News India Live, Digital Desk: आज भी जब अमिताभ बच्चन की 'डॉन' फिल्म की बात होती है तो उसके डायलॉग्स और थ्रिलर का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आइकॉनिक फिल्म को एक अंडरवियर ब्रांड की वजह से सेंसर बोर्ड की बड़ी अड़चन का सामना करना पड़ा था? यह एक ऐसा दिलचस्प किस्सा है जो फिल्म इंडस्ट्री के अनोखे इतिहास का हिस्सा बन गया है.

बात 1978 की है, जब सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की 'डॉन' रिलीज़ होने वाली थी. फिल्म अपने चरम पर थी और एक दृश्य में 'ट्विस्टर' ब्रांड के अंडरवियर के विज्ञापन के साथ एक बैकड्रॉप का इस्तेमाल किया गया था. उस समय यह एक साधारण बात लगती थी, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इस पर आपत्ति उठा दी. बोर्ड का मानना था कि किसी विज्ञापन ब्रांड का इस तरह खुलेआम दिखाना व्यावसायिक प्रचार के दायरे में आता है, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.

फिल्म के मेकर्स को सेंसर बोर्ड ने निर्देश दिया कि या तो वह दृश्य हटा दें, या विज्ञापन वाले हिस्से को ब्लर कर दें. यह एक अजीबोगरीब स्थिति थी क्योंकि फिल्म में वह विज्ञापन किसी जानबूझकर प्रचार के इरादे से नहीं, बल्कि एक सामान्य शहरी दृश्य को दिखाने के लिए इस्तेमाल हुआ था. मेकर्स काफी हैरान थे कि कैसे एक साधारण सा अंडरवियर ब्रांड उनकी फिल्म के लिए इतना बड़ा सिरदर्द बन गया.

आखिरकार, काफी मशक्कत के बाद, फिल्म मेकर्स को झुकना पड़ा. सेंसर बोर्ड की सख्ती के आगे उन्हें उस अंडरवियर ब्रांड के विज्ञापन वाले हिस्से को ब्लर करना पड़ा, तब जाकर फिल्म को हरी झंडी मिली. इस घटना ने न सिर्फ 'डॉन' के मेकर्स को चौंकाया बल्कि बॉलीवुड में भी काफी चर्चा बटोरी थी. यह वाकई अमिताभ बच्चन की 'डॉन' के साथ जुड़ा एक अनोखा और अब भूला-बिसरा सा किस्सा है.

--Advertisement--