Kashi Vishwanath Corridor Extension: वाराणसी की दाल मंडी में शुरू हुई जमीन की मापी
News India Live, Digital Desk: Kashi Vishwanath Corridor Extension: उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद, वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के प्रस्तावित विस्तार के तहत दाल मंडी क्षेत्र में अब ज़मीन और संपत्तियों की मापी का काम शुरू हो गया है। यह वह क्षेत्र है जो कभी काशी के एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में जाना जाता था, खासकर दाल के व्यापार के लिए। प्रशासनिक टीम ने स्थानीय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचकर इस प्रक्रिया को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
कई वर्षों से यह दाल मंडी चर्चा में थी, क्योंकि लगभग 7 सालों से यहां के व्यापारी संभावित अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। एक समय पर इस मंडी में 100 से 125 दाल की दुकानें हुआ करती थीं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं। ये दुकानें कई दशकों, कुछ तो 150-200 साल से भी पुरानी थीं। अधिग्रहण को लेकर उच्च मूल्य और मुआवजे पर असहमति के कारण बातचीत लंबी खिंच गई थी, जिससे प्रशासन को प्रक्रिया शुरू करने में विलंब हुआ। हालांकि, अब कैबिनेट की मंज़ूरी मिलने के बाद प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए कदम आगे बढ़ाया है।
वर्तमान में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और नगर आयुक्त के नेतृत्व में एक टीम दाल मंडी पहुंच चुकी है, जिसमें राजस्व विभाग के कर्मचारी, नगर निगम के अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं। ये सभी मिलकर वहां की जमीन का सर्वे कर रहे हैं और दुकानों के क्षेत्रफल व उनकी मौजूदा स्थिति का आकलन कर रहे हैं। यहां कितने दुकान मालिक और किरायेदार हैं, उनकी भी सूची बनाई जा रही है। अधिकारियों ने दो दिनों के भीतर मापी का काम पूरा करने की योजना बनाई है, जिसके बाद प्रभावितों को नियमों के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।
दुकानदारों को पहले मौखिक रूप से और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद लिखित में भी सूचित किया गया था। कुछ दुकान मालिकों ने पहले से ही अपनी दुकानें खाली कर दी हैं, जबकि कुछ ने शुरू में थोड़ा विरोध करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की मौजूदगी और सरकारी आदेश के आगे वे शांत हो गए। यह कार्रवाई काशी विश्वनाथ धाम के मास्टर प्लान के विस्तार का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक विशाल और सुव्यवस्थित परिसर तैयार करना है। दाल मंडी का यह क्षेत्र मंदिर के आस-पास के विस्तार योजना के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, और इसका अधिग्रहण वाराणसी के पुराने शहर के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने में एक बड़ा बदलाव लाएगा।
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