Karwa Chauth 2025: सास के प्यार और आशीर्वाद से भरी सरगी की थाली में क्या-क्या होना है जरूरी?
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए बिना कुछ खाए-पिए, यानी निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत जितना मुश्किल होता है, उतना ही प्रेम और श्रद्धा से भरा भी होता है। इस कठिन व्रत की शुरुआत जिस पहली और सबसे अहम रस्म से होती है, वो है 'सरगी'।
सरगी सिर्फ एक सुबह का भोजन नहीं है, बल्कि यह सास का अपनी बहू के लिए ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और देखभाल का प्रतीक है। यही वह थाली है जो बहू को दिन भर ऊर्जावान और स्वस्थ रहने की शक्ति देती है। चलिए जानते हैं कि इस खास थाली में किन चीजों को शामिल करना बेहद जरूरी है और इसे खाने का सही समय क्या है।
कैसी होनी चाहिए सरगी की थाली?
सरगी की थाली ऐसी होनी चाहिए जो पौष्टिक भी हो और परंपराओं के अनुसार भी हो। इसमें कुछ चीजें रखना बेहद जरूरी माना जाता है:
- फल (Fruits): सरगी में ऐसे फल जरूर शामिल करें जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो, जैसे- अनार, सेब, और केला। ये दिन भर शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं और जरूरी पोषक तत्व भी देते हैं।
- मेवे (Dry Fruits): बादाम, काजू, अखरोट और किशमिश जैसे मेवे ऊर्जा का खजाना होते हैं। मुट्ठी भर मेवे खाने से दिन भर कमजोरी महसूस नहीं होती।
- मिठाई (Sweets): परंपरा के अनुसार, सरगी में कुछ मीठा जरूर होना चाहिए। आप फेनी, सेवईं या कोई मिठाई रख सकते हैं। मीठा खाने से भी शरीर को एनर्जी मिलती है।
- नारियल पानी (Coconut Water): अगर संभव हो तो सरगी में नारियल पानी जरूर पिएं। यह निर्जला व्रत में शरीर को पानी की कमी से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है।
- कुछ हल्का भोजन: आप मठरी या एक-दो रोटी सब्जी भी खा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि खाना बहुत ज्यादा तला-भुना या मसालेदार न हो, वरना दिन में प्यास ज्यादा लग सकती है।
- सुहाग का सामान: सास अपनी बहू को सरगी की थाली में खाने-पीने की चीजों के साथ सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां जैसे सुहाग के सामान भी आशीर्वाद के रूप में देती हैं।
क्या है सरगी खाने का सही समय?
सरगी का महत्व तभी है जब इसे सही समय पर खाया जाए। इसे हमेशा सूरज निकलने से पहले, ब्रह्म मुहूर्त में (लगभग सुबह 4 से 5 बजे के बीच) खा लेना चाहिए। याद रखें, सूर्योदय होते ही करवा चौथ का व्रत शुरू हो जाता है, और उसके बाद कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता। इसलिए, समय का विशेष ध्यान रखें।
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