Jharkhand : ब्लैक गोल्ड का काला सच धनबाद से कोलकाता तक ईडी ने खोद निकाला और दबी फाइलें

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News India Live, Digital Desk :  झारखंड की कोयला नगरी यानी धनबाद (Dhanbad) में आज का शुक्रवार आम दिनों जैसा नहीं था। सूरज अभी पूरी तरह निकला भी नहीं था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गाड़ियों ने शहर की शांति भंग कर दी। अगर आप कोयलांचल की ख़बरों में दिलचस्पी रखते हैं, तो आज की यह कार्रवाई आपको चौंका देगी।

एक बार फिर 'काले हीरे' (Coal) की काली कमाई के सिलसिले में ईडी ने धनबाद से लेकर कोलकाता तक दबिश दी है। मामला कोयला चोरी (Coal Theft) और उससे कमाए गए पैसों की लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से जुड़ा है।

किसके दरवाजे पर पहुंची है मुसीबत?

इस बार रडार पर कोई छोटी-मोटी मछली नहीं, बल्कि बड़े खिलाड़ी हैं। ईडी की अलग-अलग टीमें सुबह-सुबह Manoj Agarwal की DECO कंपनी और Godavari Commodities से जुड़े ठिकानों पर धमक पड़ीं।

धनबाद के लोग तब हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि धनसार (Dhansar) इलाके में डेको कंपनी के दफ्तर और भेलाटांड में मौजूद 'ट्रिनिटी गार्डन' (Trinity Garden) जैसे पॉश अपार्टमेंट्स को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। यहां कंपनी के बड़े अधिकारियों के फ्लैट्स की तलाशी ली जा रही है। सिर्फ यही नहीं, धैया (Dhaiya) के वृंदावन गार्डन और बैंक मोड़ के स्काई लार्क (Skylark) अपार्टमेंट में भी फाइलें पलटी जा रही हैं।

धनबाद का पैसा, कोलकाता में ठिकाना?

जांच का दायरा सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं है। टीम के तार पश्चिम बंगाल तक जुड़े हैं। ईडी को शक है कि कोयले के अवैध धंधे से जो 'मोटी कमाई' हुई है, उसे कोलकाता में फर्जी कंपनियों (Shell Companies) के ज़रिए खपाया गया है। इसी सुराग को तलाशते हुए एक टीम कोलकाता के नेताजी सुभाष रोड और दूसरे ठिकानों पर भी 'गोदावरी कमोडिटीज' के ऑफिस खंगाल रही है।

अंदर क्या चल रहा है?

फिलहाल सभी जगहों पर दरवाज़े बंद हैं और किसी को भी अंदर-बाहर जाने की इजाजत नहीं है। सूत्रों की मानें तो अफसरों के हाथ डिजिटल डिवाइस, लैपटॉप और कच्चे बिलों (Fake Challans) के कुछ अहम सबूत लगे हैं। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि खदानों से जो कोयला निकला, उसका असल हिसाब-किताब क्या है और किताबों में क्या दिखाया गया है।

आपको याद होगा कि इससे पहले भी कोयला घोटाला मामले में 40 से ज्यादा जगहों पर रेड पड़ी थी। आज का यह एक्शन उसी कड़ी का अगला हिस्सा माना जा रहा है। धनबाद के कोयला बाज़ार में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है सबकी जुबान पर बस एक ही सवाल है, "इस बार कौन फंसेगा?"

शाम तक ही स्थिति साफ़ हो पाएगी, लेकिन इतना तय है कि इस सर्दी में धनबाद का सियासी और वपारी पारा चढ़ गया है।

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