Jharkhand : ऊपर से बिस्कुट, अंदर अफ़ीम हज़ारीबाग़ में पुलिस ने खोली नशे के सौदागरों की पोल, 8 किलो माल ज़ब्त
News India Live, Digital Desk: झारखंड में नशे के कारोबार के ख़िलाफ़ पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। हज़ारीबाग़ ज़िले की पुलिस ने एक अंतरराज्यीय अफ़ीम तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए लगभग 42 लाख रुपये की कीमत की 8 किलोग्राम अफ़ीम बरामद की है। इस कार्रवाई में पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तस्करों ने पुलिस की आँखों में धूल झोंकने के लिए एक बिल्कुल नया और अनोखा तरीक़ा अपनाया था। उन्होंने अफ़ीम को बिस्कुट के पैकेटों में छुपाकर रखा हुआ था।
कैसे हुई यह कार्रवाई?
हज़ारीबाग़ के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें एक गुप्त सूचना मिली थी कि चतरा ज़िले से अफ़ीम की एक बड़ी खेप तस्करी के लिए हज़ारीबाग़ के रास्ते पंजाब ले जाई जा रही है। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसपी ने तुरंत एक स्पेशल टीम का गठन किया। टीम ने चौपारण थाना क्षेत्र में NH-2 पर बने दनुआ घाटी के पास जाल बिछाया।
जैसे ही तस्करों की गाड़ी (एक सूमो गोल्ड) वहाँ पहुँची, पुलिस ने उसे रोक लिया। जब गाड़ी की तलाशी ली गई, तो पुलिस को बिस्कुट के कई पैकेट मिले। पहली नज़र में सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन जब पैकेटों को खोला गया, तो पुलिस भी हैरान रह गई। बिस्कुट के पैकेट्स के अंदर बड़ी ही चालाकी से अफ़ीम के पैकेट छुपाए गए थे।
कौन-कौन हुआ गिरफ़्तार?
पुलिस ने मौके से चार लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें गिरोह का मास्टरमाइंड रंजीत कुमार यादव, जो चतरा का रहने वाला है, और उसके तीन साथी सूरज कुमार मेहता (चतरा), प्रदीप कुमार सिंह (चतरा) और विक्की कुमार (गया, बिहार) शामिल हैं। इन सभी के ख़िलाफ़ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
क्यों बन गया अफ़ीम तस्कर?
पूछताछ के दौरान गिरोह के सरगना रंजीत कुमार ने जो खुलासा किया, वह हैरान करने वाला है। उसने बताया कि वह पहले चतरा में एक फ्लाई ऐश (राख) का कारोबारी था। लेकिन उस पर बहुत ज़्यादा टैक्स और पैसों की देनदारी हो गई थी। अपना क़र्ज़ चुकाने और जल्दी पैसा कमाने के लालच में वह अफ़ीम की तस्करी के इस काले धंधे में उतर गया।
यह घटना दिखाती है कि नशे के सौदागर क़ानून से बचने के लिए किस तरह नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं, लेकिन झारखंड पुलिस की मुस्तैदी के आगे उनकी कोई भी चाल कामयाब नहीं हो पा रही है।
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