जन्माष्टमी व्रत 2025: स्वस्थ रहकर करें व्रत—सावधानियां और पोषण युक्त आदतें
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा और व्रत को लाखों लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ करते हैं। यह पर्व शारीरिक और मानसिक शुद्धि का भी एक तरीका है। लेकिन कई बार devotion (भक्ति) में शरीर की ज़रूरतें अनदेखी हो जाती हैं, जिससे डिहाइड्रेशन, एसिडिटी, थकावट, और बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ये जानना ज़रूरी है कि जन्माष्टमी व्रत में अक्सर होने वाली सामान्य गलतियों से कैसे बचा जाए और सेहतमंद तरीके से व्रत पूरा किया जाए।
आम जन्माष्टमी व्रत की गलतियां जिनसे बचें
पानी न पीना
बहुत से लोग सोचते हैं कि व्रत में पानी भी नहीं पीना चाहिए, पर इससे सिर दर्द, चक्कर आना, और कमजोरी हो सकती है। अगर व्रत में पानी या तरल पदार्थ लेने की अनुमति है तो दिन में थोड़ा-थोड़ा पानी, नारियल पानी या हर्बल ड्रिंक लेना जरूरी है।
उपवास तोड़ते ही ज्यादा तला-भुना या मीठा खाना खाना
व्रत के बाद तुरंत भारी और तली-भुनी चीज़ें खाने से पेट में एसिडिटी, गैस और अपच हो सकती है। पाचन तंत्र को थोड़ा आराम देना चाहिए।
पोषण से भरपूर उपयुक्त भोजन छोड़ देना
व्रत किसी तरह के तले-भुने और जंक फूड खाने का मौका नहीं है। इसके बजाय, मेवे, फल, और व्रत में खाने वाले अनाज जैसे कुट्टू (buckwheat) और राजगीरा (amaranth) जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए, जिससे ऊर्जा बनी रहे और शरीर सुस्त ना हो।
ज़्यादा कैफीनयुक्त पदार्थ लेना
खाली पेट चाय या कॉफ़ी पीने से एसिडिटी और बेचैनी हो सकती है, इसलिए कैफीन का सेवन सीमित करें।
बहुत जल्दी या भारी भोजन से व्रत तोड़ना
व्रत के बाद भारी, तेज़ भोजन से पाचन तंत्र पर जोर पड़ता है। हल्का और सुपाच्य भोजन लेना व्रत तोड़ने के लिए बेहतर होता है।
स्वस्थ और सुरक्षित व्रत के टिप्स
यदि व्रत के दौरान तरल पदार्थ लेने की अनुमति हो तो पानी, नारियल पानी या नींबू पानी लें ताकि हाइड्रेटेड रहें।
प्रोटीन युक्त चीजें जैसे पनीर, दही, मेवे, और बीज भोजन में शामिल करें, ताकि ऊर्जा बनी रहे।
तलने की जगह भाप में पकाना, भूनना या हल्का तड़का लगाना बेहतर होता है जिससे भोजन हल्का रहे।
व्रत खोलते समय साबूदाना खिचड़ी, ताजा फल, या खजूर जैसे हल्के और आसानी से पचने वाले भोजन का सेवन करें।
अपने मन को शांत रखें, आराम करें, क्योंकि व्रत केवल शारीरिक नहीं, आध्यात्मिक अभ्यास भी है।
जन्माष्टमी व्रत में ऊर्जा बढ़ाने वाले श्रेष्ठ आहार
फल और मेवे: केले, सेब, अनार, बादाम, अखरोट
डेयरी उत्पाद सीमित मात्रा में: लस्सी, छाछ, दूध से बने हल्के व्यंजन
कुट्टू और राजगीरा से बने पकवान: पौष्टिक, ग्लूटेन-फ्री और ऊर्जा देने वाले
जन्माष्टमी का व्रत सिर्फ खान-पान छोड़ना नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा का संयम और भक्ति से जुड़ाव है। उपरोक्त सावधानियों का पालन करके आप व्रत को स्वस्थ, उर्जावान और आनंदमय बना सकते हैं। भगवान कृष्ण का संदेश है संतुलन और आनंद—यही व्रत में भी जरूरी है।
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