"सर्दी हो जाएगी, अनार मत खाओ": क्या आप भी अपने बच्चे को सर्दियों में अनार देने से डरते हैं? जानिये क्या है सच
मम्मी की उलझन: सर्दियां शुरू होते ही माताओं की सबसे बड़ी टेंशन यह होती है कि बच्चे को क्या खिलाएं और क्या नहीं। फलों को लेकर तो यह डर और भी बढ़ जाता है। खासतौर पर लाल-लाल दानों वाला रसीला अनार (Pomegranate)। दादी-नानी अक्सर कहती हैं, "अनार की तासीर ठंडी होती है, इसे खाने से बच्चे को कफ हो जाएगा या निमोनिया हो सकता है।"
लेकिन क्या यह सच है? क्या सर्दियों में अनार वाकई दुश्मन है या फिर यह कोई ऐसा सुपरफूड है जो हम डर के मारे बच्चों को दे ही नहीं रहे? इसी सवाल का जवाब एक मशहूर पेरेंटिंग कोच ने दिया है, और यह जवाब आपको जरूर जानना चाहिए।
क्या सच में अनार खाने से सर्दी बढ़ती है?
पेरेंटिंग कोच और हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह सिर्फ़ एक मिथक (Myth) है कि सर्दियों में अनार खाने से सर्दी-जुकाम होता है। सच तो यह है कि अनार पोषक तत्वों का खजाना है और सर्दियों में यह बच्चे की इम्यूनिटी के लिए किसी 'मैजिक पिल' से कम नहीं है।
डॉक्टर्स का कहना है कि अनार में विटामिन सी (Vitamin C) और एंटी-ऑक्सीडेंट्स कूट-कूट कर भरे होते हैं। और हम सब जानते हैं कि विटामिन सी ही वो चीज है जो बच्चों को बार-बार होने वाले वायरल इन्फेक्शन, सर्दी और खांसी से लड़ने की ताकत देती है।
अनार: सर्दियों का सुपर हीरो (The Winter Superfood)
- खून की कमी होगी दूर: भारतीय बच्चों में अक्सर आयरन की कमी देखी जाती है। अनार आयरन से भरपूर होता है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाता है और बच्चे को एक्टिव रखता है।
- पाचन रहेगा दुरुस्त: सर्दियों में बच्चे पानी कम पीते हैं, जिससे कब्ज (Constipation) हो सकती है। अनार के दानों में अच्छा फाइबर होता है, जो पेट साफ़ रखने में मदद करता है।
- वायरल से सुरक्षा: अनार में एंटी-वायरल गुण होते हैं। यानी यह बीमार करने वाले कीटाणुओं से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
अनार खिलाने का 'सही तरीका' और 'सही वक्त'
तो क्या इसका मतलब यह है कि हम बच्चे को कभी भी अनार दे दें? नहीं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, सर्दियों में अनार फायदा तभी करेगा जब आप इसे सही समय और सही तरीके से देंगे। यहाँ हैं वो नियम जो आपको मानने चाहिए:
- दोपहर की धूप और अनार: बच्चे को अनार हमेशा दिन के समय खिलाएं, खास तौर पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच, जब अच्छी धूप खिली हो। सुबह खाली पेट या सूरज ढलने के बाद (शाम/रात को) अनार देने से बचें। रात में यह कफ बना सकता है।
- तापमान का ध्यान: फ्रिज से निकला हुआ ठंडा अनार तुरंत बच्चे को न दें। उसे पहले बाहर निकालकर कमरे के तापमान (Room Temperature) पर आने दें।
- काली मिर्च और काला नमक: अनार के फायदों को दोगुना करने के लिए, उस पर चुटकी भर काला नमक और हल्की सी काली मिर्च पाउडर छिड़क दें। काली मिर्च की तासीर गर्म होती है, जो किसी भी तरह की ठंडक के असर को बैलेंस कर देती है और गले को खराब नहीं होने देती।
जूस या दाने?
बच्चे को जूस की जगह अनार के दाने चबाकर खाने की आदत डालें। जूस में फाइबर नहीं होता, जबकि दानों को चबाने से मसूड़े मजबूत होते हैं और पेट सही रहता है।
सावधानी:
अगर आपके बच्चे को पहले से ही बहुत ज्यादा बलगम वाली खांसी, बुखार या गले में गंभीर इन्फेक्शन है, तो उस दौरान २-३ दिन के लिए अनार न दें। जब बच्चा थोड़ा ठीक हो जाए, तब धूप में बिठाकर खिलाएं।
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