क्या अब दिल्ली-एनसीआर छोड़ने का वक्त आ गया है? जहरीली हवा से डरकर 'बैग पैक' कर रहे हैं लोग
क्या आजकल सुबह उठते ही आपकी आंखों में जलन होती है? क्या दिन भर अजीब सी थकान और लगातार खांसी ने आपको घेर रखा है? अगर "हां", तो यकीन मानिये, आप अकेले नहीं हैं। दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा ने अब लोगों को एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां वे एक ही सवाल पूछ रहे हैं- "क्या हमें यह शहर छोड़ देना चाहिए?"
हाल ही में 'स्मिटेन पल्सएआई' (Smiten PulseAI) ने एक सर्वे किया है, और इसके नतीजे वाकई सोचने पर मजबूर कर देते हैं। आइए, बिल्कुल आसान भाषा में जानते हैं कि दिल्लीवालों के दिल-ओ-दिमाग में क्या चल रहा है और सरकार इसको लेकर क्या तैयारी कर रही है।
31% लोग शहर छोड़ने के लिए 'गंभीर'
शायद यह पढ़कर आपको झटका लगे, लेकिन सर्वे बताता है कि 33.6% लोग शहर बदलने की तैयारी में हैं। वहीं, 31% लोग ऐसे हैं जो अब इस बारे में बहुत गंभीरता से विचार कर रहे हैं। ये लोग सिर्फ सोच नहीं रहे, बल्कि इन्होंने पहाड़ों में या छोटे शहरों (जहां फैक्टरियां कम हों) में घर देखना शुरू कर दिया है। लोग वहां के स्कूलों के बारे में पता कर रहे हैं ताकि बच्चों को इस गैस चैंबर से निकालकर ताजी हवा में ले जाया जा सके।
हैरानी की बात तो यह है कि 15.2% लोग तो फैसला ले भी चुके हैं और दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो चुके हैं। सबको बस एक ही चीज़ चाहिए- "थोड़ी सी साफ हवा"।
सेहत और जेब-दोनों पर पड़ी 'डबल मार'
प्रदूषण सिर्फ आपके फेफड़ों को काला नहीं कर रहा, यह आपकी जेब भी खाली कर रहा है। सर्वे के मुताबिक:
- 80% से ज्यादा लोग पुरानी खांसी, सांस फूलने और थकान जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
- 68.3% लोग तो सिर्फ प्रदूषण वाली बीमारियों के कारण पिछले एक साल में डॉक्टर के पास चक्कर लगा चुके हैं।
- खर्च का हाल ये है कि 85.3% परिवारों का बजट बिगड़ गया है। अब घर के राशन के साथ-साथ मास्क, दवाइयां और महंगे एयर प्यूरीफायर (Air Purifiers) भी रोजमर्रा का हिस्सा बन गए हैं। लगभग 42% लोग इस बढ़े हुए खर्च की वजह से आर्थिक तंगी महसूस कर रहे हैं।
सरकार की तैयारी: 6 नए 'जासूस' रखेंगे नजर
खैर, जब लोग इतना परेशान हैं, तो सरकार भी कोशिश कर रही है। दिल्ली सरकार ने हवा की निगरानी को और बेहतर बनाने के लिए एक नया प्लान बनाया है। अब शहर में 6 नए हाई-टेक एयर मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि ये स्टेशन 15 जनवरी तक काम करना शुरू कर दें। ये कोई साधारण मशीनें नहीं होंगी, बल्कि ये 'रियल टाइम' (तुरंत) जानकारी देंगी। ये हवा में मौजूद PM 2.5 और PM 10 जैसे खतरनाक कणों के साथ-साथ हवा की दिशा, गति और मौसम का हाल भी बताएंगी।
कहाँ लगेंगे ये स्टेशन?
ये नए स्टेशन खास जगहों पर लगाए जा रहे हैं ताकि प्रदूषण के सही कारणों का पता चले:
- जेएनयू (JNU)
- इग्नू (IGNOU)
- मालचा महल के पास
- दिल्ली कैंट
- कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
- नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (NSUT वेस्ट कैंपस)
इन स्टेशनों से मिले डेटा को स्क्रीन पर दिखाया जाएगा ताकि आम जनता भी देख सके कि उनके इलाके की हवा कैसी है। सरकार का मानना है कि सटीक डेटा मिलने से पॉल्यूशन के 'हॉटस्पॉट' पहचानने और उन पर तुरंत एक्शन लेने में मदद मिलेगी।
--Advertisement--