क्या काम के दौरान खड़ा रहना बैठने से बेहतर है?

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आजकल ऑफिस में बैठकर काम करना आम बात हो गई है, और कई बार आपने सुना होगा, बैठना नया स्मोकिंग है। इसलिए लोग खड़े होकर काम करने वाले डेस्क का सहारा लेते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि खड़े रहना सेहत के लिए बेहतर होता है। लेकिन असलियत थोड़ी गहराई वाली है।

एक 2016 के अध्ययन के अनुसार, खड़े होकर काम करने पर कैलोरी बर्न होती है, लेकिन यह फर्क ज्यादा बड़ा नहीं होता। लगभग खड़े रहने पर 88 कैलोरी प्रति घंटा खर्च होती है, जबकि बैठने पर करीब 80 कैलोरी। कुछ घंटे के काम में यह अंतर स्नैक खाने के कैलोरी से भी कम होता है। खड़े होने का बड़ा फायदा है कि यह आपको ज्यादा अलर्ट रखता है, आपकी रीढ़ की हड्डी बेहतर स्थिति में रहती है, और आप कम झुकते हैं।

हालांकि, पूरी दीन खड़े रहने के कुछ नकारात्मक पक्ष भी होते हैं। लगातार खड़े रहने से पैर दर्द, थकान और वैरिकोज वेन्स (खराब नसें) का खतरा बढ़ सकता है। कई अध्ययन बताते हैं कि लंबे समय तक खड़े रहना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप पूरे दिन खड़े रहते हैं तो पैरों में ऐंठन, दर्द और भारीपन महसूस हो सकता है।

तो समाधान क्या है? शोध बताते हैं कि खड़ा रहने और बैठने के बीच संतुलन बनाए रखना सबसे सही तरीका है। हर 30 से 60 मिनट में खड़े होने के छोटे-छोटे ब्रेक लें और हल्की-फुलकी गतिविधियां करें। उदाहरण के लिए, फोन पर बात करते हुए टहलना, मेल खोलने से पहले कुछ स्ट्रेचिंग करना, या क्रिएटिव काम के दौरान खड़ा रहना ज्यादा टिकाऊ और फायदेमंद होता है।

असल में, कोई भी एक मुद्रा पूरी तरह से सही नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आप दिन भर अपने शरीर को हिला-डुला कर रखें। चाहे आप बैठना पसंद करें, खड़ा होना पसंद करें या दोनों का मिश्रण करें, शरीर को लगातार मूवमेंट देना ही स्वस्थ रहने की कुंजी है।

इस तरह, सिर्फ खड़े होना या बैठना नहीं, बल्कि दोनों में संतुलन और सक्रियता ही काम के दौरान आपकी सेहत के लिए सबसे अच्छा है।

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