आयरिश राष्ट्रपति माइकल डी हिगिन्स का कड़ा विरोध: आयरिश भारतीय समुदाय पर हमलों को बताया मूल्यों के खिलाफ
आयरलैंड में भारतीय समुदाय को हाल ही में लक्षित किए गए नस्ली हमलों पर आयरिश राष्ट्रपति माइकल डी हिगिन्स ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इन हमलों को "घिनौना" और देश के मूल्यों के खिलाफ करार दिया, जो आयरिश समाज में गहराई से बसे मेहमाननवाजी, दोस्ती, और परोपकार के सिद्धांतों का विरोध है।
राष्ट्रपति हिगिन्स का संदेश और भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मान
उन्होंने भारतीय समुदाय के आयरिश जीवन में योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति, काम, संस्कृति और उद्यमशीलता ने देश की संस्कृति को समृद्ध किया है। राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि आयरलैंड की सामाजिक फ़्रेमवर्क में भारतीय नर्सों, डॉक्टरों, व्यापारियों और सांस्कृतिक योगदानकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
हालिया नस्ली हिंसा और बढ़ती चिंता
पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ कई हिंसात्मक हमले हुए हैं, जिनमें लोगों को बेरहमी से पीटा और चाकू से हमला किया गया। एक उदाहरण के तौर पर, डबलिन की एक भारतीय अमेज़न कर्मचारी के साथ घातक हमला हुआ जिसमें उसे चाकू से चोटें आईं। इसके अलावा छह साल की एक भारतीय मूल की बच्ची के साथ भी हमला हुआ, जिसने पूरे समुदाय में भय फैलाया है।
भारत का दूतावास भी अपने नागरिकों से सचेत रहने और खासकर सुनसान इलाकों से बचने का आग्रह कर चुका है। आयरिश सरकार ने भी इन घटनाओं की निंदा करते हुए कड़े कदम उठाने का भरोसा दिया है।
सांस्कृतिक व ऐतिहासिक संबंधों की याददाश्त
राष्ट्रपति हिगिन्स ने भारत और आयरलैंड के बीच साझा इतिहास को याद करते हुए कहा कि दोनों देशों का जुड़ाव काल-क्रम में गहरा रहा है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में साझेदारी शामिल है। उन्होंने जोर दिया कि इन हिंसक कृत्यों से न केवल प्रभावित व्यक्ति बल्कि पूरा समाज क्षति उठाता है।
सरकार और समाज के लिए चेतावनी
उनका कहना था कि नफरत और हिंसा की भाषा, विशेषकर सोशल मीडिया पर फैलने वाली, आयरिशता की मूल भावनाओं को नुकसान पहुंचाती है। यह आवश्यक है कि आयरलैंड एक ऐसा देश बना रहे जहां सभी समुदाय सम्मान, सुरक्षा और समानता के साथ रह सकें।
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