Iran's Biggest Preparations: 48 शिकारी विमान, और एक लीक हुई ख़बर जिसने दुनिया में मचा दी हलचल
News India Live, Digital Desk: Iran's Biggest Preparations: लंबे समय से अपनी पुरानी और कमजोर पड़ती वायुसेना को लेकर परेशान ईरान ने अब एक ऐसा दांव खेला है, जिससे मिडिल ईस्ट ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हलचल मच गई है। खबरों के मुताबिक, ईरान ने रूस के साथ एक बहुत बड़ी और गुप्त डील की है, जिसके तहत रूस उसे अपने सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में से एक सुखोई-35 (Su-35) देने जा रहा है।
यह कोई छोटी-मोटी डील नहीं है। बताया जा रहा है कि ईरान रूस से पूरे 48 सुखोई-35 विमान खरीद रहा है और इस सौदे की कीमत लगभग 7 अरब डॉलर (करीब 58 हजार करोड़ रुपये) है। यह खबर लीक होने के बाद से ही अमेरिका और खासकर इज़रायल की चिंताएं बढ़ गई हैं।
ईरान के लिए यह डील क्यों इतनी ख़ास है?
इसे समझने के लिए हमें ईरान की वायुसेना की मौजूदा हालत को देखना होगा। ईरान आज भी 1970 और 80 के दशक के पुराने अमेरिकी और सोवियत विमानों पर निर्भर है। ये विमान आज की तकनीक के सामने कहीं नहीं टिकते। सुखोई-35, जिसे 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट माना जाता है, ईरान के लिए एक बहुत बड़ा अपग्रेड है। यह विमान हवा में किसी भी मॉडर्न जेट को टक्कर देने की ताकत रखता है।
इस डील से ईरान की वायुसेना को वो ताकत मिल जाएगी, जिसका वो सालों से इंतज़ार कर रहा था। यह विमान न सिर्फ ईरान की हवाई सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि मिडिल ईस्ट में शक्ति के समीकरण को भी बदल कर रख देगा।
रूस और ईरान की बढ़ती दोस्ती
यह रक्षा सौदा रूस और ईरान के बीच बढ़ते गहरे रिश्तों का एक और सबूत है। यूक्रेन युद्ध के बाद से ही ईरान खुलकर रूस का समर्थन करता रहा है और उसे ड्रोन जैसे हथियार भी देता आया है। अब बदले में रूस, ईरान को उसकी सबसे बड़ी ज़रूरत यानी एक आधुनिक फाइटर जेट देकर दोस्ती निभा रहा है।
इज़रायल और अमेरिका क्यों हैं परेशान?
इज़रायल हमेशा से ईरान को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता आया है। अभी तक इज़रायल को यह बढ़त हासिल थी कि उसकी वायुसेना ईरान के मुकाबले बहुत ज़्यादा ताकतवर थी। लेकिन सुखोई-35 के आने से यह फासला काफी कम हो जाएगा। अब अगर इज़रायल ईरान पर कोई हवाई हमला करने की सोचता है, तो उसे इन खतरनाक 'शिकारी' विमानों का सामना करना पड़ेगा।
यह डील सिर्फ दो देशों के बीच हथियारों का सौदा नहीं है, बल्कि यह मिडिल ईस्ट की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहाँ ईरान अब पहले से कहीं ज़्यादा ताकतवर और खतरनाक बनकर उभरेगा।
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