तरनतारन में शुरूआती रुझानों ने दी अकाली दल को खुशी, पर आप ने पलट दी बाजी
News India Live, Digital Desk: पंजाब के तरनतारन विधानसभा उपचुनाव की मतगणना जब शुरू हुई, तो पहले कुछ घंटों के लिए माहौल पूरी तरह से शिरोमणि अकाली दल के पक्ष में नजर आ रहा था। शुरुआती तीन राउंड की गिनती में अकाली दल की उम्मीदवार सुखविंदर कौर ने आम आदमी पार्टी (आप) के हरमीत सिंह संधू पर एक अच्छी-खासी बढ़त बना ली थी। इस बढ़त से अकाली खेमे में जश्न की तैयारी शुरू हो गई थी और ऐसा लगने लगा था कि सत्तारूढ़ 'आप' को एक बड़ा झटका लगने वाला है।
पल-पल बदलता रहा मुकाबला
सुबह आठ बजे जैसे ही वोटों की गिनती शुरू हुई, पहले रुझान अकाली दल के लिए खुशखबरी लेकर आए। सुखविंदर कौर हर राउंड के साथ अपनी बढ़त को मजबूत करती दिख रही थीं। मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक, हर जगह अकाली दल की वापसी की चर्चा होने लगी थी। यह बढ़त तीसरे राउंड तक जारी रही और अकाली उम्मीदवार, 'आप' के प्रत्याशी से लगातार आगे बने रहे।
लेकिन राजनीति में कहते हैं कि जब तक आखिरी वोट न गिन लिया जाए, तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होती है। तरनतारन में भी यही हुआ।
चौथे राउंड से पलटा पूरा खेल
जैसे ही चौथे राउंड के नतीजे आने शुरू हुए, पूरा चुनावी गणित ही बदल गया। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने न सिर्फ सुखविंदर कौर की बढ़त को कम किया, बल्कि उनसे आगे निकल गए। इसके बाद जो हुआ, वो अकाली दल के लिए किसी झटके से कम नहीं था। हर अगले राउंड में हरमीत संधू की बढ़त का फासला बढ़ता ही गया और अकाली दल मुकाबले में लगातार पिछड़ता चला गया।
जो अकाली खेमा सुबह जश्न की तैयारी कर रहा था, वहां दोपहर होते-होते मायूसी छा गई। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के दफ्तर में ढोल बजने लगे और मिठाइयां बंटनी शुरू हो गई थीं।
और अंत में 'आप' की बड़ी जीत
शाम तक जब सभी राउंड की गिनती पूरी हुई, तो नतीजा पूरी तरह से साफ हो चुका था। आम आदमी पार्टी के हरमीत सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल की सुखविंदर कौर को 12,091 वोटों के एक बड़े अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की। अंतिम नतीजों में हरमीत संधू को 42,649 वोट मिले, जबकि शुरुआती बढ़त बनाने वाली सुखविंदर कौर 30,558 वोटों पर ही सिमट गईं।
यह नतीजा यह दिखाता है कि शुरुआती रुझान कई बार भ्रामक हो सकते हैं और असली विजेता का फैसला तो अंतिम दौर की गिनती के बाद ही होता है। अकाली दल के लिए यह किसी "हाथ आया पर मुंह न लगा" वाली कहावत जैसा हो गया।
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