भारत का बड़ा दांव: अब दूसरे देशों पर निर्भरता होगी खत्म, विदेश से आएंगी ये 2 खास चीजें

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आज के समय में दुनिया में वही देश आगे बढ़ता है जो आत्मनिर्भर हो और जिसके दोस्त शक्तिशाली हों। भारत इसी रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है और अपनी दोस्ती का दायरा बढ़ा रहा है। हाल ही में भारत ने एक ऐसे देश के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत किया है, जिसके साथ मिलकर आने वाले समय में देश की दो बड़ी मुश्किलें हल हो जाएंगी।

यह देश है मंगोलिया, जो भले ही हमारा पड़ोसी न हो, लेकिन अब व्यापार और तकनीक के मामले में हमारा एक पक्का दोस्त बनने जा रहा है।

क्या समझौता हुआ है?

भारत और मंगोलिया के बीच बातचीत में दो बहुत ही ज़रूरी चीजों पर सहमति बनी है, जो भारत के लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं:

  1. दुर्लभ खनिज (Rare Minerals): आपने सुना होगा कि मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक गाड़ियां और बड़े-बड़े रक्षा उपकरण बनाने के लिए कुछ खास तरह के खनिजों की ज़रूरत पड़ती है। इन्हें 'रेयर अर्थ मिनरल्स' कहा जाता है। अभी तक इन खनिजों के लिए हम काफी हद तक चीन जैसे देशों पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब मंगोलिया भारत को इन दुर्लभ खनिजों का निर्यात करेगा। यह भारत के लिए एक बहुत बड़ी stratégic जीत है, क्योंकि इससे हमारी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
  2. टनल बनाने वाली मशीनें: भारत में आजकल पहाड़ों को काटकर सड़कें और सुरंगें (Tunnels) बनाने का काम बहुत तेज़ी से चल रहा है। इसके लिए बड़ी-बड़ी मशीनों की ज़रूरत पड़ती है। मंगोलिया के पास इस क्षेत्र में अच्छी तकनीक है। अब दोनों देशों के बीच ऐसा समझौता हो रहा है जिससे भारत को ये खास मशीनें आसानी से मिल सकेंगी। इससे हमारे यहाँ इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम और भी तेज हो जाएगा।

इस दोस्ती का मतलब क्या है?

यह समझौता सिर्फ कुछ सामान का लेन-देन नहीं है, बल्कि यह चीन पर हमारी निर्भरता को कम करने की एक सोची-समझी रणनीति है। जब हमारे पास ये ज़रूरी खनिज और तकनीक अपने दोस्त देश से आएगी, तो हम 'मेक इन इंडिया' को और मजबूती से आगे बढ़ा पाएंगे। इसके अलावा, भारत मंगोलिया की मदद खाद (Fertilizers) और व्यापार के दूसरे क्षेत्रों में भी करेगा। यह दोस्ती दोनों देशों की तरक्की का एक नया रास्ता खोलेगी।

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