India-China Relations: सीमा पर शांति के लिए जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति से की सीधी बात

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News India Live, Digital Desk: India-China Relations:  भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कजाकिस्तान में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार लाने की दिशा में एक अहम कूटनीतिक पहल मानी जा रही है, खासकर सीमा पर जारी तनाव के मद्देनजर इसकी प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।

बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत और चीन के संबंधों को सामान्य बनाने और उन्हें स्थिर व शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम रहना बेहद आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर किसी भी तरह की अशांति का सीधा असर समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ता है। यह भारत के लगातार इस रुख को दोहराता है कि सीमा पर स्थिति ही दोनों देशों के बीच रिश्तों की दिशा तय करेगी।

यह महत्वपूर्ण चर्चा एक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश वैश्विक मंचों पर एक साथ दिख रहे हैं। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हान झेंग से मिलकर द्विपक्षीय संबंधों और उन तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया जिनसे ये संबंध आगे बढ़ सकते हैं। दोनों देशों के शीर्ष कूटनीतिज्ञों के बीच यह बातचीत आपसी विश्वास बहाली और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए संवाद की निरंतरता दर्शाती है।

ज्ञात हो कि पूर्वी लद्दाख में 2020 से भारत और चीन के बीच सीमा पर लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है। कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बावजूद, सभी विवादास्पद बिंदुओं पर अभी तक पूर्ण समाधान नहीं निकला है। इसी पृष्ठभूमि में चीन के एक वरिष्ठ नेता के साथ जयशंकर की यह सीधी बातचीत विशेष महत्व रखती है। इसका उद्देश्य न केवल सीमा प्रबंधन को बेहतर करना है, बल्कि एक व्यापक और स्थिर भारत-चीन संबंध की रूपरेखा तैयार करना भी है जो आपसी संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित हो। आने वाले समय में देखना होगा कि इस उच्च-स्तरीय बैठक से जमीन पर कितना फर्क पड़ता है।

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