डायबिटीज है तो क्या दिवाली सूखी जाएगी? डॉक्टर ने बताई सेफ से डेंजरस मिठाई की लिस्ट

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News India Live, Digital Desk: दिवाली का त्योहार और मिठाइयों की खुशबू... ये दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं. लेकिन जिस घर में कोई डायबिटीज का मरीज हो, उसके लिए यही मिठाइयां चिंता का कारण बन जाती हैं. मन तो करता है, पर शुगर बढ़ने का डर त्योहार की खुशी को फीका कर देता है.

लेकिन अब आपको मन मारकर बैठने की जरूरत नहीं है! हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों ने आपकी इस मुश्किल को आसान कर दिया है. उन्होंने मिठाइयों को ट्रैफिक लाइट की तरह तीन रंगों में बांट दिया है, ताकि आप खुद समझ सकें कि कौन सी मिठाई आपके लिए सेफ (हरी बत्ती) है, कौन सी सावधानी (पीली बत्ती) से चखनी है, और कौन सी खतरनाक (लाल बत्ती) है.

आइए, जानते हैं आपकी पसंदीदा मिठाई किस रंग की बत्ती में आती है.

 हरी बत्ती: ये मिठाइयां हैं 'सेफ जोन' में

यह वो मिठाइयां हैं जिन्हें आप बहुत कम मात्रा में स्वाद के लिए खा सकते हैं. ये ज्यादातर प्राकृतिक चीजों से बनती हैं और इनमें सफेद चीनी (रिफाइंड शुगर) का इस्तेमाल नहीं होता.

  • खजूर या अंजीर की बर्फी: खजूर, अंजीर और मेवों से बनी इस मिठाई में प्राकृतिक मिठास होती है.
  • नारियल के लड्डू (बिना चीनी वाले): अगर ये गुड़ या स्टीविया (प्राकृतिक स्वीटनर) से बने हैं तो एक छोटा लड्डू खाया जा सकता है.
  • डार्क चॉकलेट: 70% से ज्यादा कोको वाली डार्क चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा मीठे की क्रेविंग भी शांत करता है और सेहतमंद भी है.
  • सेब या लौकी की खीर: अगर इसे बिना चीनी या बहुत कम प्राकृतिक स्वीटनर के साथ बनाया गया है, तो इसे थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं.

 पीली बत्ती: स्वाद के लिए 'बस एक छोटा सा टुकड़ा'

इस कैटेगरी की मिठाइयों को लेकर आपको सावधान रहने की जरूरत है. त्योहार का मन रखने के लिए आप इनका बस एक बहुत छोटा-सा टुकड़ा ही खा सकते हैं. बेहतर होगा कि इन्हें खाने से पहले और बाद में अपना शुगर लेवल जरूर जांच लें.

  • काजू कतली: इसमें काजू होता है जो फायदेमंद है, लेकिन चीनी की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है.
  • बेसन के लड्डू: बेसन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, पर इसमें घी और चीनी की मात्रा ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकती है.
  • रसगुल्ला (रस निचोड़कर): यह छेने से बनता है जो प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. अगर आप इसकी चाशनी को अच्छी तरह निचोड़कर सिर्फ एक पीस खाते हैं, तो यह गुलाब जामुन से बेहतर विकल्प है.
  • मिल्क केक या कलाकंद: दूध से बने होने के बावजूद इनमें चीनी बहुत ज्यादा होती है.

 लाल बत्ती: इन्हें कहें 'ना', ये हैं सबसे 'खतरनाक'

यह मिठाइयां डायबिटीज के मरीजों के लिए जहर की तरह हैं. इनमें मैदा, रिफाइंड चीनी होती है और इन्हें डीप फ्राई किया जाता है. ये आपके ब्लड शुगर को रॉकेट की तरह बढ़ा सकती हैं, इसलिए इनसे पूरी तरह दूर रहें.

  • गुलाब जामुन और जलेबी: मैदे को डीप फ्राई करके चीनी की चाशनी में डुबोना, इसे डायबिटीज का सबसे बड़ा दुश्मन बनाता है.
  • बूंदी या मोतीचूर के लड्डू: बेसन को तलने के बाद चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है.
  • सोन पापड़ी: यह दिखने में हल्की होती है, पर मैदा, घी और चीनी से भरी होती है.
  • मैदे की बर्फी या अन्य मिठाइयां: इनसे भी दूरी बनाना ही समझदारी है.

शुगर के मरीज इन बातों का भी रखें खास ध्यान:

  • मिठाई कभी भी खाली पेट न खाएं. हमेशा खाना खाने के बाद खाएं.
  • मिठाई खाने से पहले सलाद या फाइबर वाली चीजें खा लें, इससे शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है.
  • त्योहारों में भी अपनी एक्सरसाइज या वॉक करना न भूलें.
  • कोशिश करें कि घर पर बनी मिठाई का ही सेवन करें, जिसमें आप मिठास को कंट्रोल कर सकें.

इस दिवाली, जानकारी के साथ सही चुनाव करें और बिना डरे त्योहार का पूरा आनंद लें

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