Vastu Shastra : पूजा घर में पूजा सामग्री कैसे रखें ताकि घर में आए सुख-समृद्धि और बनी रहे सकारात्मक ऊर्जा
News India Live, Digital Desk: Vastu Shastra : हम भारतीयों के घर में पूजा घर या एक छोटा सा मंदिर ज़रूर होता है, जहाँ हम अपने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं. यह घर का सबसे पवित्र कोना माना जाता है, जहाँ से पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा घर में पूजा की चीज़ें सही तरीके से रखने से आपके घर में सुख-समृद्धि, धन और खुशहाली आती है? वास्तु शास्त्र में इसके लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से जीवन में हर मुश्किल दूर हो जाती है और घर में बरकत बनी रहती है.
अगर आप भी चाहते हैं कि आपका पूजा घर सिर्फ प्रार्थना का केंद्र न होकर, घर के लिए शुभ ऊर्जा का स्रोत बने, तो इन बातों पर गौर ज़रूर करें:
1. दीया (दीपक) जलाने की सही दिशा:
पूजा घर में दीया या दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है. दीया हमेशा अपने पूजा स्थान के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में जलाना चाहिए. अगर घी का दीपक जला रहे हैं, तो उसे दायीं तरफ़ रखें और अगर तेल का है, तो उसे बायीं तरफ़ रखा जा सकता है. इस दिशा में दीया जलाने से घर में धन लाभ के योग बनते हैं और तरक्की के रास्ते खुलते हैं.
2. फूलों का सही इस्तेमाल:
फूलों को भगवान पर चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. हमेशा ताज़े फूलों का ही इस्तेमाल करें और उन्हें पूजा घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखें. मुरझाए हुए फूलों को तुरंत हटा देना चाहिए, क्योंकि वे नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं. ताज़े फूल घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं.
3. धूप और अगरबत्ती रखने की जगह:
धूप या अगरबत्ती की सुगंध से मन शांत होता है और घर का वातावरण शुद्ध होता है. इन्हें हमेशा दीये की तरह आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में रखें या फिर आप पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं. इनकी सुगंध से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है.
4. भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों का स्थान:
भगवान की मूर्तियां या तस्वीरें हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख किए हुए होनी चाहिए, ताकि पूजा करने वाला व्यक्ति पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठे. मूर्तियों को आपस में सटाकर न रखें, उनके बीच थोड़ी जगह ज़रूर होनी चाहिए. बड़ी-बड़ी मूर्तियां या बहुत ज़्यादा उग्र देवताओं की तस्वीरें पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए. साथ ही, मंदिर के ठीक सामने टॉयलेट नहीं होना चाहिए और मूर्तियों को सीधे ज़मीन पर रखने से बचें.
5. जल (पानी) का महत्व:
पूजा के लिए रखे गए कलश या जलपात्र को हमेशा पूजा घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में ही रखना चाहिए. यह दिशा जल तत्व का प्रतिनिधित्व करती है और इस दिशा में पानी रखने से घर में स्थिरता और सकारात्मकता बनी रहती है.
6. पूजा घर की साफ़-सफाई:
किसी भी वास्तु नियम का सबसे अहम हिस्सा है साफ़-सफ़ाई. अपने पूजा घर को हमेशा स्वच्छ रखें. मंदिर को कभी भी सीढ़ियों के नीचे, टॉयलेट के पास या ऐसी जगह पर न बनाएं जहां लोग आते-जाते रहते हैं.
इन सरल वास्तु टिप्स को अपनाकर आप न सिर्फ अपने पूजा घर को पवित्र और शांत बना सकते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और धन के द्वार भी खोल सकते हैं.
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