15 साल नौकरी के बाद कितनी मिलेगी पेंशन? EPFO का पूरा गणित समझें आसान भाषा में
अगर आप भी नौकरीपेशा हैं, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आपकी मेहनत की कमाई का एक छोटा सा हिस्सा जो हर महीने PF (Provident Fund) में कटता है, वह बुढ़ापे में आपका सबसे बड़ा सहारा कैसे बनेगा. खासकर, रिटायरमेंट के बाद जब हर महीने आने वाली सैलरी बंद हो जाएगी, तब क्या होगा?
चिंता न करें, यहीं पर EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की पेंशन योजना (EPS) आपके काम आती है. यह एक ऐसी सरकारी गारंटी वाली पेंशन है जो आपको रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलती है, ताकि आप किसी पर निर्भर न रहें और सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकें.
चलिए, आज हम आसान भाषा में समझते हैं कि अगर आपने 15 साल तक नौकरी की है, तो आपकी पेंशन का हिसाब-किताब कैसे होता है.
आपकी पेंशन का हिसाब-किताब कैसे होता है?
EPFO आपकी पेंशन की रकम किसी अनुमान से नहीं, बल्कि एक तय फॉर्मूले के आधार पर निकालता है. यह फॉर्मूला बहुत सरल है:
पेंशन = (आपकी पेंशन योग्य सैलरी x आपने जितने साल नौकरी की) / 70
उदाहरण: 15 साल की नौकरी और ₹15,000 की सैलरी पर कितनी पेंशन?
आइए, अब इस फॉर्मूले को एक उदाहरण से समझते हैं.
- आपने नौकरी में कुल 15 साल पूरे कर लिए हैं.
तो आपकी मासिक पेंशन की गणना कुछ इस तरह होगी:
(15,000 रुपये x 15 साल) / 70 = 2,25,000 / 70 = ₹3,214 प्रति माह
इस हिसाब से, आपको रिटायरमेंट के बाद हर महीने लगभग ₹3,200 से ₹3,500 तक की पेंशन मिलनी तय है.
अब आप सोच रहे होंगे कि यह रकम तो बहुत ज्यादा नहीं है. लेकिन याद रखिए, यह एक गारंटीड रकम है जो आपको जीवन भर हर महीने मिलेगी, चाहे बाजार ऊपर जाए या नीचे. यह आपके बुढ़ापे के छोटे-मोटे खर्चों के लिए एक बहुत बड़ा सहारा है.
20 साल से ज्यादा नौकरी करने वालों के लिए शानदार बोनस!
EPFO लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को एक खास तोहफा भी देता है. अगर आपने 20 साल या उससे ज्यादासमय तक नौकरी की है, तो आपकी पेंशन की गणना करते समय आपकी कुल सेवा में 2 साल का बोनस जोड़ दिया जाता है.
उदाहरण के लिए: अगर आपने 22 साल नौकरी की है, तो EPFO आपकी नौकरी को 24 साल मानेगा! इससे आपकी पेंशन की रकम और भी बढ़ जाती है.
यह पेंशन आपके लिए क्यों जरूरी है?
रिटायरमेंट के बाद जब कमाई का कोई नियमित जरिया नहीं होता, तो हर महीने आने वाली एक निश्चित रकम सोने जैसी लगती है. यह पेंशन आपको सिर्फ आर्थिक सुरक्षा ही नहीं देती, बल्कि यह आपको आत्मनिर्भर बनाती है. आपको अपनी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता, और आप अपना बुढ़ापा शांति और सम्मान के साथ बिता सकते हैं.
तो अगली बार जब आपकी सैलरी स्लिप में EPF/EPS का डिडक्शन देखें, तो उसे एक खर्च न समझें. यह आपके सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए एक छोटा सा निवेश है.
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