Hindu Organization : RSS 100वें साल की ओर बढ़ते संघ की शौर्य यात्रा, जानें अलीगढ़ में क्या रहा इसका बड़ा मकसद?

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News India Live, Digital Desk: Hindu Organization : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपनी स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश करने वाला है, और इस ऐतिहासिक मौके को ख़ास बनाने के लिए संघ देश भर में 'शौर्य यात्राएँ' और कई भव्य आयोजन कर रहा है. इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh, Uttar Pradesh) में भी आरएसएस (RSS) ने 'पथ संचलन' का आयोजन किया, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि अपने इतिहास, अनुशासन और राष्ट्र सेवा के प्रति संघ की अटूट निष्ठा का प्रतीक था.

अलीगढ़ में यह विशाल 'शौर्य यात्रा' या पथ संचलन पूरे अनुशासन के साथ निकाला गया. इसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने पारंपरिक 'पूर्ण गणवेश' (पूरे यूनिफॉर्म) में अपने कंधों पर 'दंड' (लकड़ी का डंडा) रखा हुआ था. 'दंड' संघ के लिए अनुशासन, आत्मनिर्भरता और रक्षा का प्रतीक माना जाता है. अलीगढ़ में यह आयोजन राष्ट्रीय गौरव, एकजुटता और आने वाले 100वें वर्ष के जश्न का संकेत दे रहा था.

इस पथ संचलन का मुख्य उद्देश्य समाज में राष्ट्रीय भावना का संचार करना, संघ के कार्यों का प्रचार-प्रसार करना और युवाओं को राष्ट्र निर्माण के कार्यों में जुड़ने के लिए प्रेरित करना था. संघ की तरफ से 'संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढ़े चलो' और 'समाज सेवा राष्ट्र की, यही प्रेरणा स्वयंसेवक की' जैसे संदेश भी इस यात्रा के दौरान दिए गए. अलीगढ़ के स्थानीय लोगों ने भी इस शोभायात्रा पर पुष्पवर्षा की, जिससे माहौल में और उत्साह भर गया.

यह कार्यक्रम इस बात का भी संकेत था कि आरएसएस आने वाले समय में अपने शताब्दी वर्ष को बड़े पैमाने पर मनाने की तैयारी कर रहा है, और देश के हर कोने तक अपने विचार और मूल्यों को पहुंचाना चाहता है. यह यात्रा न केवल संघ के पुराने सदस्यों के लिए, बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा थी कि कैसे सेवा और अनुशासन से एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है.

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