Heart Disease : अचानक दिल बैठ जाए तो क्या करें? जानें क्यों कहते हैं ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम को साइलेंट किलर
News India Live, Digital Desk: Heart Disease : कई बार, जब किसी व्यक्ति को गहरा सदमा या भावनात्मक चोट लगती है, तो लोग अक्सर कहते हैं कि उनका दिल टूट गया है. आमतौर पर, यह एक मुहावरा है, जो अत्यधिक दुख और मानसिक पीड़ा को दर्शाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि "टूटा दिल सिंड्रोम" (Broken Heart Syndrome) वास्तव में एक वास्तविक और गंभीर चिकित्सीय स्थिति हो सकती है? इसे चिकित्सीय भाषा में तकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी (Takotsubo Cardiomyopathy) कहा जाता है, और यह भावनात्मक तनाव के कारण हृदय पर पड़ने वाले अप्रत्याशित प्रभाव को दर्शाती है. तो आइए, 2025 में इस सिंड्रोम को समझते हैं - क्या यह सिर्फ एक भावनात्मक टूटन है या एक गंभीर मेडिकल कंडीशन?
क्या है टूटा दिल सिंड्रोम (तकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी)?
टूटा दिल सिंड्रोम एक अस्थायी हृदय की स्थिति है जो अत्यधिक शारीरिक या भावनात्मक तनाव के जवाब में विकसित होती है. यह तनाव किसी प्रियजन की मृत्यु, तलाक, रिश्ता टूटना, नौकरी छूटना, गंभीर दुर्घटना, या यहाँ तक कि अप्रत्याशित जीत जैसे अत्यधिक खुशी के पल के कारण भी हो सकता है. इस स्थिति में, हृदय के मुख्य पंपिंग चैंबर (बायां निलय) की आकृति असामान्य हो जाती है, यह नीचे से फूल जाता है और ऊपर से संकरा हो जाता है. इसकी यह आकृति जापानी मछली पकड़ने वाले एक बर्तन 'तकोत्सुबो' (जो ऑक्टोपस को पकड़ने के लिए इस्तेमाल होता है) से मिलती जुलती है, इसलिए इसे तकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी भी कहा जाता है.
यह कोई भावनात्मक टूटन नहीं, बल्कि एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है!
यह महत्वपूर्ण है कि इसे सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया के रूप में न देखा जाए, बल्कि एक वास्तविक हृदय संबंधी आपातकाल के रूप में देखा जाए. इसके लक्षण अक्सर दिल के दौरे (Heart Attack) से मिलते-जुलते होते हैं, जैसे:
- छाती में दर्द: अक्सर तेज और असहनीय.
- सांस लेने में दिक्कत: खासकर तनावपूर्ण स्थिति के दौरान.
- चक्कर आना या बेहोश होना: यह स्थिति में रक्तचाप कम होने के कारण हो सकता है.
- हाथों में सुन्नपन या दर्द: दिल के दौरे के समान.
यह कैसे होता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अत्यधिक भावनात्मक या शारीरिक तनाव से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (जैसे एड्रेनालिन) का तेजी से स्राव होता है. ये हार्मोन रक्त में तेजी से फैलते हैं और अस्थायी रूप से हृदय की कोशिकाओं को 'हैरान' कर देते हैं, जिससे हृदय का पंपिंग चैंबर अस्थायी रूप से कमजोर हो जाता है या उसका काम प्रभावित होता है. अच्छी खबर यह है कि अधिकतर मामलों में यह स्थिति अस्थायी होती है और समय के साथ हृदय पूरी तरह से ठीक हो जाता है, खासकर अगर व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल जाए.
कौन अधिक जोखिम में हैं?
हालांकि यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन मध्यम आयु वर्ग की या वृद्ध महिलाएं (पोस्टमेनोपॉज़ल) पुरुषों की तुलना में इस सिंड्रोम से अधिक प्रभावित होती हैं. इसका कारण हार्मोनल अंतर हो सकता है.
बचाव और उपचार:
तनाव का प्रबंधन करना इस स्थिति से बचने का सबसे अच्छा तरीका है. योग, ध्यान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लेना तनाव कम करने में मददगार हो सकता है. यदि आप या आपके आस-पास कोई व्यक्ति अचानक छाती में दर्द या सांस लेने में दिक्कत महसूस करे, खासकर किसी भावनात्मक सदमे के बाद, तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. डॉक्टर ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी और ब्लड टेस्ट के जरिए इस स्थिति का पता लगा सकते हैं और उचित उपचार दे सकते हैं.
याद रखें, टूटा दिल सिंड्रोम सिर्फ एक मुहावरा नहीं है. यह एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
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