Health Risks : केला हर किसी के लिए नहीं होता फायदेमंद जानें किन 6 बीमारियों में भूलकर भी न खाएं इसे

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News India Live, Digital Desk: Health Risks : केला, जिसे अक्सर ऊर्जा और पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है, आमतौर पर स्वस्थ जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें पोटैशियम, विटामिन और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। लेकिन, हर भोजन की तरह, केला भी सभी के लिए एक समान रूप से फायदेमंद नहीं होता। कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में केले का सेवन करना आपके लिए फायदे की बजाय नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। यह बात चौंकाने वाली लग सकती है, लेकिन विशेषज्ञ कुछ बीमारियों में केले से दूरी बनाने की सलाह देते हैं।

अगर आप लगातार सर्दी, खांसी या कफ की समस्या से जूझ रहे हैं, तो केला आपके लिए परेशानी बढ़ा सकता है। दरअसल, केले की तासीर थोड़ी ठंडी मानी जाती है और इसमें मौजूद प्राकृतिक चीनी बलगम या कफ के उत्पादन को बढ़ा सकती है। यही वजह है कि जिन लोगों को सांस या बलगम से जुड़ी शिकायतें रहती हैं, खासकर अस्थमा के मरीजों को, उन्हें केले का सेवन सावधानी से करना चाहिए और रात के समय इसे बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।

जिन लोगों को अक्सर पेट फूलने, अपच या पाचन संबंधी समस्याएं रहती हैं, उन्हें भी केले के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए। केले में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, जो सामान्य परिस्थितियों में पाचन के लिए अच्छा है, लेकिन कुछ संवेदनशील पेट वाले व्यक्तियों में यह सूजन और गैस का कारण बन सकता है। ऐसे में अपने शरीर की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखकर ही इसे खाएं।

अगर आप अक्सर माइग्रेन या सिरदर्द से परेशान रहते हैं, तो भी आपको केले से दूरी बना लेनी चाहिए। केले में टाइरामिन Tyramine नामक एक प्राकृतिक पदार्थ होता है, जो कुछ संवेदनशील लोगों में माइग्रेन के हमलों को ट्रिगर कर सकता है। अगर आपने देखा है कि केला खाने के बाद आपका सिरदर्द बढ़ता है, तो बेहतर होगा कि आप इसे अपनी डाइट से हटा दें।

मधुमेह के रोगियों के लिए भी केला खाना एक बड़ा सवाल होता है। इसमें प्राकृतिक शर्करा काफी अधिक मात्रा में पाई जाती है। इसलिए, जिन लोगों का ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है, उन्हें केले का सेवन बहुत ही सावधानी से और सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, और बेहतर तो यही होगा कि अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेने के बाद ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें।

गुर्दे किडनी की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को भी केले से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। केले में पोटैशियम बहुत ज्यादा होता है और जिन लोगों की किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होती है, उनका शरीर अतिरिक्त पोटैशियम को प्रभावी ढंग से फिल्टर नहीं कर पाता। इससे रक्त में पोटैशियम का स्तर बढ़ सकता है, जो गुर्दे की बीमारियों के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

और अंत में, जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें भी केले के सेवन को सीमित करना चाहिए। भले ही केला एक पौष्टिक फल है, लेकिन इसमें कैलोरी और शर्करा की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक होती है। एक मध्यम आकार का केला लगभग 100-110 कैलोरी देता है। यदि आप वजन घटाने के अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर हैं, तो उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना आवश्यक है।

संक्षेप में, केला निश्चित रूप से एक स्वस्थ फल है, लेकिन हर स्वास्थ्य स्थिति और हर शरीर पर इसका प्रभाव अलग हो सकता है। यदि आपको ऊपर बताई गई कोई भी समस्या है या आपको संदेह है कि केले से आपको कोई परेशानी हो रही है, तो अपने आहार में किसी भी बड़े बदलाव से पहले हमेशा डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

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