स्वास्थ्य समाचार: बवासीर यानी पाइल्स की बीमारी। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। महिलाओं में भी बवासीर के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कभी-कभी महिलाएं इस पर चर्चा करने से झिझकती हैं। वे चुपचाप सहते हैं। लंबे समय तक समस्या को छुपाए रखने से समस्या और भी बदतर हो जाती है। आजकल लेजर सर्जरी का भी विकल्प मौजूद है। लेजर सर्जरी के जरिए इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। इस आधुनिक सर्जिकल तकनीक में किसी चीरे की आवश्यकता नहीं होती है। यह सर्जरी गुदा के आसपास के संवेदनशील क्षेत्र में चीरा लगाए बिना की जाती है।
लेज़र किरणें उन वाहिकाओं को बंद कर देती हैं जो मस्सों को रक्त की आपूर्ति करती हैं
लेज़र किरणों के माध्यम से बवासीर के मस्सों को चिह्नित किया जाता है और ख़त्म किया जाता है। इस प्रक्रिया में, लेजर उपकरण से निकलने वाली किरणें बवासीर में रक्त की आपूर्ति करने वाली नसों को बंद कर देती हैं, जिससे बवासीर की सर्जरी आसान हो जाती है। बिना किसी चीरे के सर्जरी होने से गहरी चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है। लेकिन अगर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाए और समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो ओपन सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। मस्सों को हटाने के लिए बड़ा चीरा लगाना पड़ता है। लेकिन समय रहते सचेत होने से स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सकता है।
बवासीर की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है
आजकल महिलाओं को भी बवासीर की समस्या हो जाती है। कब्ज इस रोग का एक प्रमुख कारण है। अगर ऐसा महसूस हो कि मल त्यागने के बाद भी पेट साफ नहीं हो रहा है, मल त्यागते समय जलन या खून आ रहा है तो ये बवासीर के लक्षण हो सकते हैं। गुदा के आसपास दर्द, खुजली, सूजन, गांठें भी इस रोग के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में और किसी भी तरह का डर होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बिना देर किये उचित सलाह लेनी चाहिए। यदि तुरंत इलाज किया जाए, तो कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। जीवनशैली पर नियंत्रण रखकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।