बाल झड़-झड़कर हो गए हैं पतले? जानें आपके लिए आंवला बेहतर है या भृंगराज
लंबे, घने, काले बाल... ये सपना हर किसी का होता है. इस सपने को पूरा करने के लिए हम महंगे-महंगे शैम्पू, कंडीशनर और न जाने क्या-क्या केमिकल वाले प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं. लेकिन नतीजा? कुछ दिनों तक तो सब ठीक लगता है, पर फिर बालों का झड़ना, रूखापन और सफ़ेद होना... सब जस का तस.
थक-हारकर हम वापस अपनी जड़ों की ओर लौटते हैं - आयुर्वेद की ओर. और जब बालों की बात आती है, तो दो नाम सबसे पहले दिमाग में आते हैं: आंवला और भृंगराज. ये दोनों ही बालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं. लेकिन अक्सर हम इस उलझन में पड़ जाते हैं कि हमारे बालों की समस्या के लिए इन दोनों में से ज़्यादा असरदार कौन है?
क्या आपके लिए आंवला का जादू काम करेगा, या भृंगराज का चमत्कार? चलिए, आज इस सबसे बड़ी दुविधा को दूर करते हैं.
आंवला: बालों की हर बीमारी का 'विटामिन C' वाला डॉक्टर
आंवला, जिसे 'सुपरफूड' भी कहा जाता है, विटामिन C का खज़ाना है. यह सिर्फ़ हमारी सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि बालों के लिए भी एक संपूर्ण औषधि है.
- कब चुनें आंवला?
- अगर आपके बाल बढ़ ही नहीं रहे हैं और आप उन्हें लंबा करना चाहते हैं.
- अगर आपके सिर में डैंड्रफ या खुजली की समस्या है.
- अगर आपके बाल बहुत पतले और बेजान हैं और आप उनमें घनापन और चमक लाना चाहते हैं.
- अगर आप बालों को जड़ों से मज़बूत बनाना चाहते हैं.
आंवला स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे बालों की ग्रोथ तेज़ी से होती है और यह एक नेचुरल कंडीशनर की तरह काम करके बालों को मुलायम और चमकदार बनाता है.
भृंगराज: झड़ते बालों का 'किंग'
भृंगराज को आयुर्वेद में "केशराज" यानी 'बालों का राजा' कहा गया है. यह नाम ही इसके गुणों को बताने के लिए काफ़ी है. भृंगराज बालों का झड़ना रोकने के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है.
- कब चुनें भृंगराज?
- अगर आपका हेयर फॉल किसी भी तरह से नहीं रुक रहा है.
- अगर आपके बाल समय से पहले ही सफ़ेद हो रहे हैं.
- अगर आप नए बाल उगाना चाहते हैं, ख़ासकर उस जगह पर जहां बाल कम हो गए हैं.
- अगर आप बालों को कुदरती रूप से काला रखना चाहते हैं.
भृंगराज सीधे बालों की जड़ों पर काम करता है और उन्हें मज़बूती देता है, जिससे उनका टूटना-झड़ना बंद हो जाता है.
तो आख़िरी फ़ैसला क्या है?
इसे एक आसान उदाहरण से समझिए. अगर आपकी गाड़ी का इंजन ही कमज़ोर हो गया है, तो आपको भृंगराज चाहिए, जो इंजन (यानी बालों की जड़ों) को ठीक करे ताकि गाड़ी (बाल) चले (झड़े नहीं). और अगर गाड़ी चल तो रही है, पर उसकी रफ़्तार धीमी है और चमक फीकी पड़ गई है, तो आपको आंवला चाहिए, जो उसे रफ़्तार (लंबाई) और नई चमक दे.
सबसे अच्छा तरीक़ा?
सबसे अच्छी बात यह है कि आपको इन दोनों में से किसी एक को चुनने की ज़रूरत नहीं है. आप इन दोनों की अच्छाइयों का फ़ायदा एक साथ उठा सकते हैं. आंवला और भृंगराज के पाउडर को मिलाकर दही या पानी के साथ पेस्ट बनाकर हेयर मास्क की तरह इस्तेमाल करें. या फिर, इन दोनों के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर सिर की मालिश करें.
ये दोनों जब साथ मिल जाते हैं, तो बालों की हर समस्या के लिए एक 'सुपर-पावर' बन जाते हैं, जिसके आगे महंगे से महंगा प्रोडक्ट भी फेल है.
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