गुलियन-बार सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अब यह गंभीर बीमारी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक पहुंच गई है, जहां इस घातक बीमारी से पहली मौत दर्ज की गई है। इससे पहले महाराष्ट्र के पुणे में GBS के कारण सात लोगों की जान जा चुकी है। देश के कम से कम दो राज्यों में इस दुर्लभ बीमारी के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिससे स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
मुंबई में पहली मौत, पुणे में बढ़ते मामले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती 53 वर्षीय मरीज की GBS के चलते मौत हो गई। मरीज गंभीर हालत में था और वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।
- इसी हफ्ते, मुंबई में GBS का पहला मामला सामने आया था, जब अंधेरी पूर्व की 64 वर्षीय महिला को इस बीमारी के लक्षणों के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था।
- महिला को बुखार और दस्त के बाद लकवे की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई।
- पुणे में भी एक 37 वर्षीय वाहन चालक की GBS के कारण मौत हो गई, जिससे वहां कुल मृतकों की संख्या सात तक पहुंच गई थी।
कितना खतरनाक है GBS?
गुलियन-बार सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर तंत्रिका संबंधी विकार है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक प्रणाली उसकी ही परिधीय तंत्रिकाओं (Peripheral Nervous System) पर हमला कर देती है।
इसके कारण:
- शरीर के अंग सुन्न पड़ने लगते हैं
- मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है
- सांस लेने और निगलने में दिक्कत होती है
- कुछ मामलों में मरीज पूरी तरह लकवाग्रस्त भी हो सकता है
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बीमारी अधिकतर वयस्कों और पुरुषों में अधिक देखी जाती है, हालांकि यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।
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अब तक 8 मौतें, स्वास्थ्य विभाग सतर्क
GBS के कारण महाराष्ट्र में अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है—पुणे में 7 और मुंबई में 1 मौत की पुष्टि हुई है। पुणे में रिपोर्ट हुए मामलों में कुछ संदिग्ध और कुछ पुष्टि किए गए मामले शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण, सर्जरी या किसी वायरल बीमारी के बाद GBS विकसित हो सकता है। इससे बचाव के लिए संक्रमण से सुरक्षा, जल्दी पहचान और सही समय पर इलाज बेहद जरूरी है।