सरकारी नौकरी या धोखा? 2025 में इन बड़ी परीक्षाओं ने तोड़ा लाखों छात्रों का भरोसा, लिस्ट देखकर खौल उठेगा खून
News India Live, Digital Desk : सच्चाई थोड़ी कड़वी है, लेकिन कहना ज़रूरी है। जब एक छात्र 10 बाय 10 के कमरे में रहकर सालों-साल दाल-रोटी खाकर तैयारी करता है, तो उसे सिर्फ़ एक चीज़ की उम्मीद होती है"निष्पक्ष परीक्षा"। लेकिन 2025 में यूकेएसएसएससी (UKSSSC) से लेकर रेलवे जैसी बड़ी संस्थाओं तक, कई जगहों पर सिस्टम की सेंधमारी ने छात्रों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
आज हम बात कर रहे हैं 2025 के उन बड़े मामलों की जिन्होंने न केवल शिक्षा व्यवस्था की पोल खोली, बल्कि युवाओं को हताश कर दिया।
UKSSSC: उत्तराखंड में फिर टूटा भरोसा
पहाड़ जैसे हौसले वाले छात्रों के साथ इस साल फिर मजाक हुआ। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की भर्ती परीक्षा एक बार फिर विवादों के घेरे में रही। जब खबर आई कि पेपर परीक्षा से पहले ही कुछ "चहेतों" के पास पहुँच गया था, तो ईमानदार छात्रों का गुस्सा फूटना लाज़िमी था। महीनों की मेहनत और इंतज़ार के बाद हाथ क्या लगा? वही जाँच कमेटियां, तारीख-पे-तारीख और रद होती परीक्षाएं। यह सिर्फ एक एग्जाम नहीं था, बल्कि हजारों परिवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ था।
रेलवे एग्जाम (Railway Exams): उम्मीदें पटरी से उतरीं
देश में सबसे ज्यादा युवा जिस भर्ती का इंतज़ार करते हैं, वह है रेलवे। 2025 में रेलवे भर्ती परीक्षाओं पर भी 'लीक' का ग्रहण लगा रहा। करोड़ों आवेदन, लाखों की भीड़ और फिर यह खबर आना कि "पेपर आउट हो गया है"—किसी सदमे से कम नहीं होता। सोशल मीडिया पर वायरल होती आंससर-की (Answer Key) और स्क्रीनशॉट्स ने यह साबित कर दिया कि तकनीकी दावों के बावजूद 'मुन्नाभाई' आज भी सिस्टम से एक कदम आगे चल रहे हैं।
क्यों नहीं रुक रहा यह सिलसिला?
हम चांद पर पहुँच गए, टेक्नोलॉजी में दुनिया को टक्कर दे रहे हैं, लेकिन एक 'सुरक्षित परीक्षा' कराने में हमारा सिस्टम बार-बार फेल क्यों हो रहा है? 2025 में हुई इन घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पेपर लीक करने वाले गिरोह कानून से ऊपर हो गए हैं? हर बार गिरफ़्तारियां होती हैं, शोर मचता है, लेकिन अगली परीक्षा में फिर वही कहानी दोहरा दी जाती है।
छात्र क्या करें?
इस समय छात्रों के मन में हताशा होना स्वाभाविक है। लेकिन दोस्तों, हमें यह याद रखना होगा कि सिस्टम तभी बदलेगा जब हम सवाल पूछते रहेंगे। 2025 ने हमें मायूसी दी है, लेकिन इसे अपनी कमजोरी न बनने दें। अपनी आवाज उठाते रहें और अपनी पढ़ाई जारी रखें। उम्मीद है कि सरकार और भर्ती बोर्ड 2025 की इन गलतियों से सबक लेंगे और आने वाला साल (2026) 'लीक' का नहीं, बल्कि 'नियुक्ति' का साल होगा।
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