Gorakhpur News : काम का बोझ या मानसिक प्रताड़ना? बीएलओ की मौत पर भड़के अखिलेश, बीजेपी से पूछे ये कड़वे सवाल

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News India Live, Digital Desk : चुनाव का मौसम आता है तो सबसे ज्यादा शामत अगर किसी की आती है, तो वो हैं हमारे सरकारी कर्मचारी, खासकर बीएलओ (Booth Level Officers)। जिन पर वोटर लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन क्या काम का दबाव इतना ज्यादा हो सकता है कि किसी की जान चली जाए?

गोरखपुर से एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। एक महिला बीएलओ की हार्ट अटैक से मौत हो गई। आरोप है कि यह मौत बीमारी से नहीं, बल्कि "काम के एक्स्ट्रा प्रेशर और सस्पेंशन की धमकी" के कारण हुए तनाव से हुई है।

इस घटना के बाद, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि पूरा मामला क्या है और अखिलेश यादव ने इतने सख्त शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया।

क्या है पूरा मामला? (The Tragic Incident)

खबरों के मुताबिक़, गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक की एक शिक्षामित्र और बीएलओ सुषमा देवी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि प्रशासन की तरफ से बीएलओ पर काम पूरा करने का बहुत भारी दबाव था।
बात सिर्फ काम तक सीमित नहीं थी। आरोप है कि अधिकारियों की तरफ से बार-बार एफआईआर (FIR), सस्पेंशन (निलंबन) और वेतन रोकने की धमकियां दी जा रही थीं। इसी तनाव और डर के चलते सुषमा देवी की तबीयत बिगड़ी और हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली।

अखिलेश यादव का फूटा गुस्सा: "यह अमानवीय है"

इस घटना ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा करते हुए बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

उन्होंने साफ़ कहा कि, "भाजपा सरकार चुनाव जीतने के लिए इतनी उतावली है कि वह कर्मचारियों के साथ अमानवीय (Inhumane) बर्ताव कर रही है।"

अखिलेश के बड़े आरोप:

  1. वोटर लिस्ट में खेल: अखिलेश का कहना है कि प्रशासन कर्मचारियों पर दबाव बना रहा है कि वे विशेष समुदाय या वर्ग के वोट काटें और लिस्ट में गड़बड़ी करें। जो कर्मचारी ऐसा नहीं करना चाहते, उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है।
  2. प्रताड़ना का सिस्टम: उन्होंने कहा कि बीजेपी राज में सरकारी नौकरी करना अब 'सेवा' नहीं, बल्कि 'सजा' बन गया है। काम का बोझ इतना डाल दिया गया है कि लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।

सपा की मांग: "50 लाख रुपये का मुआवजा दो"

सिर्फ निंदा करने से काम नहीं चलेगा। समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि मृतक सुषमा देवी के परिवार को तत्काल न्याय मिलना चाहिए।

  • सरकार परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दे।
  • मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए।

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों ने सस्पेंशन और एफआईआर का डर दिखाकर सुषमा देवी को इतना तनाव दिया, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आगे किसी और कर्मचारी के साथ ऐसा न हो।

कर्मचारियों में डर का माहौल

दोस्तों, यह घटना सिर्फ एक सियासी बयानबाजी नहीं है। यह जमीनी हकीकत है कि बीएलओ जैसे छोटे स्तर के कर्मचारियों पर काम का बोझ हद से ज्यादा होता है। घर-घर जाना, डेटा जुटाना, और ऊपर से अधिकारियों की फटकार— यह सब झेलना आसान नहीं होता।

अखिलेश यादव के इस बयान ने उन लाखों कर्मचारियों की दुखती नब्ज पर हाथ रखा है जो डर के साये में नौकरी कर रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या सरकार इस पर कोई एक्शन लेती है या इसे भी सियासी आरोप मानकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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