गूगल लाया भारत में डिजिटल क्रांति, विशाखापत्तनम बनेगा एशिया का सबसे बड़ा डेटा हब

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विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश: भारत की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की दुनिया में एक अभूतपूर्व उछाल आने वाला है! टेक दिग्गज गूगल (Alphabet की इकाई) आंध्र प्रदेश के खूबसूरत पोर्ट सिटी विशाखापत्तनम में $6 बिलियन (लगभग ₹49,000 करोड़ से ज़्यादा) का भारी निवेश करने जा रहा है। यह गूगल का भारत में पहला डेटा सेंटर होगा और एशिया में इसका सबसे बड़ा प्रोजेक्ट साबित होगा। सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है।

इस महात्वाकांक्षी योजना के तहत, गूगल 1 गीगावाट (GW) क्षमता वाले एक अत्याधुनिक डेटा सेंटर और संबंधित पावर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगा। इस विशाल निवेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, करीब $2 बिलियन (लगभग ₹16,000 करोड़ से ज़्यादा), नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) क्षमता के विकास में लगेगा, जो डेटा सेंटर को पूरी तरह से हरित ऊर्जा (green power) से संचालित करेगा। यह कदम Alphabet के वैश्विक सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों (sustainability goals) के अनुरूप है और एशिया में उसके बढ़ते विस्तार का हिस्सा है, जिसमें सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देश भी शामिल हैं।

$75 बिलियन वैश्विक निवेश का हिस्सा: अंधेरे बादलों पर गूगल का भरोसा

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों के बावजूद, Alphabet ने इस साल वैश्विक डेटा सेंटर विस्तार में $75 बिलियन के अपने निवेश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। यह दिखाता है कि कंपनी भारत और एशिया के टेक्नोलॉजी सेक्टर में अपने भविष्य को लेकर कितनी आशान्वित है।

आंध्र प्रदेश के सपने: डेटा हब बनने की राह पर

यद्यपि Alphabet की ओर से अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने इस निवेश की पुष्टि की है। राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री, नारा लोकेश, जो वर्तमान में सिंगापुर में फ्यूचर टेक इनवेस्टमेंट्स को आकर्षित करने के लिए सक्रिय हैं, ने इस खबर पर विशेष टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि राज्य डेटा सेंटर परियोजनाओं के माध्यम से अपने ऋण भार को कम करने और कल्याणकारी योजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए बड़े निवेशों को आकर्षित करने हेतु आक्रामक रूप से प्रयासरत है।

नारा लोकेश के अनुसार, आंध्र प्रदेश ने पहले ही 1.6 GW के डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स में निवेश सुरक्षित कर लिया है और अगले पांच वर्षों में इसे 6 GW तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जिससे आंध्र प्रदेश भारत का भविष्य का डेटा हब बन सके। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य तब और भी प्रभावशाली लगता है जब हम वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य पर नज़र डालते हैं: रियल एस्टेट कंसल्टेंसी अनारक (Anarock) के अनुसार, पूरे भारत में वर्तमान में केवल 1.4 GW डेटा सेंटर क्षमता ही संचालित है।

तकनीकी शक्ति और डिजिटल भविष्य

यह गूगल का विशाखापत्तनम डेटा सेंटर, अपने विशाल पैमाने और निवेश के साथ, एशिया में सबसे बड़े डेटा सेंटर में से एक होगा। इसके निर्माण में आधुनिक इंजीनियरिंग सुविधाओं जैसे कि उन्नत पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस का उपयोग किया जाएगा, जो भारत की डिजिटल कनेक्टिविटी को अभूतपूर्व रूप से मजबूत करेगा। राज्य सरकार तीन सब-सी केबल लैंडिंग स्टेशनों की भी योजना बना रही है, ताकि विशाखापत्तनम को भारत के डिजिटल प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित किया जा सके।

यह भारी निवेश न केवल भारत की डिजिटल अवसंरचना को बढ़ावा देगा, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और तकनीकी नवाचार को भी नई ऊंचाइयां देगा। यह निश्चित रूप से डिजिटल इंडिया पहल में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

 

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