खुशखबरी! वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन हाइवे का काम पकड़ेगा रफ्तार, किसानों के खाते में आने लगे मुआवजे के पैसे

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वाराणसी से आजमगढ़ के बीच सफर करने वालों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। जिस वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन हाइवे का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, उसके निर्माण की सबसे बड़ी बाधा अब दूर होती दिख रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन के मुआवजे की पहली किस्त जारी कर दी है।

किसानों के खाते में भेजे गए 37 करोड़ रुपये

प्रशासन ने पहले चरण में जिले के 8 गांवों के किसानों के खातों में मुआवजे के रूप में 37 करोड़ रुपयेभेजना शुरू कर दिया है। यह खबर उन सभी किसानों और जमीन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत है, जिनकी जमीन इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अधिग्रहीत की गई है। जैसे-जैसे बाकी गांवों के भू-स्वामियों के सत्यापन का काम पूरा होता जाएगा, उन्हें भी मुआवजे की रकम भेज दी जाएगी।

क्या है यह प्रोजेक्ट और क्यों है इतना खास?

यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि पूर्वांचल के विकास की एक नई लाइन है।

  • आजमगढ़ में हिस्सेदारी: इसका लगभग 48 किलोमीटर का हिस्सा आजमगढ़ जिले से होकर गुजरेगा, जिससे यहां के 46 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है।
  • बजट: इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 4500 करोड़ रुपये है।
  • बचेगा समय: इस हाइवे के बन जाने के बाद, वाराणसी से आजमगढ़ का सफर जो अभी 3 से 4 घंटे का होता है, वह घटकर सिर्फ डेढ़ से दो घंटे का रह जाएगा।

अब तेजी से दौड़ेगा निर्माण का काम

मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि जमीन अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा। NHAI के अधिकारियों ने किसानों से भी अपील की है कि वे मुआवजा मिलने के बाद जमीन पर से अपना कब्जा हटा लें, ताकि निर्माण कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाया जा सके।

यह फोरलेन हाइवे न सिर्फ दो बड़े शहरों को जोड़ेगा, बल्कि इस पूरे क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और विकास के नए दरवाजे भी खोलेगा।

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