खुशखबरी! कच्चे तेल के दाम गिरे, जानिए पेट्रोल-डीजल पर क्या होगा असर
सोमवार की सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली, जो आम आदमी के लिए एक अच्छी खबर हो सकती है। इस गिरावट के पीछे की सबसे बड़ी वजह रूस से आ रही एक खबर है, जिसने तेल बाजार की टेंशन को थोड़ा कम कर दिया है।
क्यों सस्ता हुआ कच्चा तेल?
इसका पूरा कनेक्शन रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ा है। आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं:
- बंदरगाह पर हुआ था हमला: पिछले हफ्ते यूक्रेन ने रूस के एक बहुत ही महत्वपूर्ण बंदरगाह नोवोरोस्सिय्स्क (Novorossiysk) पर हमला कर दिया था। यह बंदरगाह काले सागर (Black Sea) में है और यहां से दुनिया भर में भारी मात्रा में तेल भेजा जाता है।
- रुक गई थी तेल की सप्लाई: हमले के बाद, इस बंदरगाह पर काम पूरी तरह से रोक दिया गया था। जब बाजार में यह खबर आई कि तेल की सप्लाई रुक गई है, तो कीमतें बढ़ने लगी थीं।
- अब काम फिर से शुरू: लेकिन अब खबर आ रही है कि इस बंदरगाह पर हलचल फिर से शुरू हो गई है। वहां तेल के टैंकर खड़े देखे गए हैं, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि तेल की लोडिंग और सप्लाई दोबारा शुरू हो गई है।
यह ठीक वैसा ही है जैसे मंडी में अचानक टमाटर आना बंद हो जाए तो दाम बढ़ जाते हैं, और सप्लाई वापस शुरू होते ही कीमतें नीचे आ जाती हैं। बस, तेल बाजार में भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
बाजार की बड़ी तस्वीर क्या है?
हालांकि, इस पूरी उथल-पुथल के बावजूद बाजार में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है। दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देश (जैसे OPEC+) और दूसरे देश मिलकर खूब तेल निकाल रहे हैं। यही वजह है कि पिछले हफ्ते हुए हमलों के बाद भी कीमतों में बहुत ज्यादा उछाल नहीं आ पाया था।
लेकिन एक पेंच है! कच्चा तेल तो बहुत है, फिर भी पेट्रोल-डीजल की सप्लाई में कमी क्यों?
यह एक दिलचस्प बात है। दुनिया में कच्चा तेल तो बहुत है, लेकिन उसे साफ करके पेट्रोल-डीजल बनाने वाली रिफाइनरियों की कमी हो गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध, एशिया और अफ्रीका में प्लांट बंद होने और यूरोप-अमेरिका में पुरानी रिफाइनरियों के बंद होने के कारण पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर असर पड़ा है। यही वजह है कि रिफाइनरी कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं।
इसी बीच सर्बिया की टेंशन
इसी तेल के खेल के बीच, सर्बिया अपने देश की इकलौती तेल रिफाइनरी पर पूरा कंट्रोल हासिल करना चाहता है। दरअसल, इस रिफाइनरी पर मालिकाना हक एक रूसी कंपनी का है, और सर्बिया उसे अमेरिकी प्रतिबंधों से बचाने के लिए यह कदम उठा रहा है।
कुल मिलाकर, रूस के बंदरगाह से सप्लाई शुरू होने की खबर ने फिलहाल कच्चे तेल को सस्ता कर दिया है, लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच तनाव और रिफाइनरियों की कमी के कारण बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।
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