लखनऊ का गोमती नगर स्टेशन अब एयरपोर्ट की तर्ज पर, यात्रियों को मिलेंगी विश्वस्तरीय सुविधाएं!

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित गोमती नगर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प बड़े स्तर पर किया गया है. अब यह स्टेशन केवल एक साधारण रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि आधुनिकता और विश्वस्तरीय सुविधाओं का प्रतीक बन गया है. जिस तरह एक एयरपोर्ट यात्रियों को कई बेहतरीन अनुभव प्रदान करता है, उसी तरह गोमती नगर स्टेशन को भी ऐसे ही उच्च-स्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जो उत्तर भारत में इसे खास पहचान दिलाएगा.

लगभग ₹390 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित यह स्टेशन सिर्फ उत्तर भारत का ही नहीं, बल्कि देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन बनने की ओर अग्रसर है जहाँ यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही, यह एक मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में भी काम करेगा, जिससे यात्रियों की सुविधा और कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार होगा.

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं, सचमुच!

जब हम किसी स्टेशन को 'एयरपोर्ट जैसा' कहते हैं, तो इसका मतलब है वहां यात्रियों के लिए मिलने वाली आरामदायक और आधुनिक व्यवस्थाएं. गोमती नगर स्टेशन पर भी इसी तर्ज पर काम किया गया है:

  • अराइवल-डिपार्चर का अलग होना: यह देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन होगा जहाँ एयरपोर्ट की तरह ही यात्रियों के आने (अराइवल) और जाने (डिपार्चर) के रास्ते और प्रवेश द्वार अलग-अलग होंगे. इससे यात्रियों को भीड़ और भ्रम की स्थिति से बचाया जा सकेगा.
  • भव्य कॉनकोर्स: स्टेशन पर 6 प्लेटफॉर्म हैं, जिन्हें 28 मीटर चौड़े, पूरी तरह से ढके हुए कॉनकोर्स से जोड़ा गया है. इससे यात्री बिना किसी परेशानी के एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर या स्टेशन के मुख्य हिस्सों तक आसानी से पहुंच सकते हैं.
  • आधुनिक यात्री सुविधाएं: स्टेशन के अंदर टिकट काउंटर, VIP लाउंज, कैफेटेरिया और फूड कोर्ट जैसी आवश्यक सुविधाएं होंगी. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, यहाँ साफ-सुथरे और आधुनिक टॉयलेट के साथ-साथ साफ पानी की भी बेहतर व्यवस्था की गई है.
  • पार्किंग और एक्सेस: यात्रियों के लिए दो बेसमेंट पार्किंग की व्यवस्था की गई है,  जिनमें एक साथ 775 गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं. साथ ही, स्टेशन तक सीधी पहुंच के लिए 458 मीटर लंबा फ्लाईओवर भी बनाया गया है, जिससे लोग सीधे पहले तल पर उतरकर ट्रेन पकड़ सकेंगे.
  • सुरक्षा का खास ख्याल: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 50  से अधिक हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरे, बैगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. महिला यात्रियों और बच्चों की विशेष सहायता के लिए एक अलग हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है. 24  घंटे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी.
  • ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट: पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया है. स्टेशन की छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिनसे लाइटिंग और स्टेशन के अन्य कार्यों के लिए बिजली मिलेगी. इससे न केवल बिजली की लागत कम होगी, बल्कि यह एक पर्यावरण-अनुकूल पहल भी है.

चार राज्यों से सीधी कनेक्टिविटी की ओर

इस आधुनिक स्टेशन के बनने से यात्रियों की कनेक्टिविटी में भी काफी सुधार हुआ है. यह स्टेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण हब बनेगा. पहले से संचालित 19 ट्रेनों के अलावा, भविष्य में यहाँ से नई अमृत भारत एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें भी चलाई जाएंगी. ऐसी संभावना है कि यहां से शताब्दी, राजधानी, वंदे भारत और तेजस जैसी प्रीमियम ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो सके. यह सीधा जुड़ाव यात्रियों के समय की बचत करेगा और यात्रा को आरामदायक बनाएगा.

क्यों महत्वपूर्ण है यह विकास?

गोमती नगर रेलवे स्टेशन का यह कायाकल्प न केवल लखनऊ शहर के लिए बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा कदम है. इसके कई फायदे हैं:

  • यात्री सुविधा: यात्रियों को बेहतर और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा,  जो रेलवे के प्रति उनकी धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.
  • आर्थिक विकास:शॉपिंग टावर्स और कमर्शियल आउटलेट्स से क्षेत्र में व्यापार बढ़ेगा,  जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
  • शहरी विकास:यह एक आधुनिक सार्वजनिक स्थान के रूप में शहर की छवि को निखारेगा.
  • कनेक्टिविटी बूस्ट: उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों के बीच आवागमन आसान होगा,  जो व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा.

रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) के निर्देशन में इस परियोजना का लगभग 96% काम पूरा हो चुका है, और इसे अगस्त 2025 के अंत तक पूरी तरह से चालू करने की उम्मीद है. गोमती नगर रेलवे स्टेशन का यह परिवर्तन निश्चित रूप से भारत की रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा.

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