सबरीमाला से 'गायब' हुआ सोना, खुली 'खजाने' की तिजोरी! जानें कितना अमीर है यह मंदिर
तिरुवनंतपुरम: करोड़ों हिंदुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र... भगवान अय्यपा का वो धाम जहां हर साल दुनिया भर से लाखों-करोड़ों भक्त सिर झुकाने आते हैं... सबरीमाला मंदिर! यह मंदिर जितनी अपनी मान्यताओं और कठिन यात्रा के लिए जाना जाता है, उतना ही अपनी दौलत और शान-ओ-शौकत के लिए भी प्रसिद्ध है।
लेकिन आजकल यह मंदिर एक बड़े विवाद के कारण सुर्खियों में है। एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने भक्तों से लेकर प्रशासन तक को चौंका दिया है - मंदिर के खजाने से सोना गायब हो गया है! इस खुलासे ने एक बार फिर मंदिर के खजाने को चर्चा का विषय बना दिया है।
क्या है यह 'सोना गायब' होने का पूरा रहस्य?
यह चौंकाने वाला खुलासा देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी, यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से हुआ है। CAG ने जब मंदिर के खातों और खजाने की जांच की, तो एक हैरान करने वाली बात सामने आई।
- 817 ग्राम सोना कम: रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर के 'स्ट्रॉन्ग रूम' (जहां भगवान को चढ़ाया गया सोना-चांदी और कीमती सामान रखा जाता है) में 817 ग्राम सोना कम पाया गया है।
- कब हुआ यह सब?: यह गड़बड़ी साल 2011 से 2019 के बीच की बताई जा रही है।
- चांदी की प्लेटें भी गायब: यही नहीं, मंदिर से चांदी की कुछ कीमती प्लेटें भी गायब होने की बात सामने आई है।
यह खबर सामने आते ही हड़कंप मच गया। मंदिर का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवसम बोर्ड (टीडीबी) ने अब मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि आस्था के इस खजाने को किसने और कैसे नुकसान पहुँचाया।
आखिर कितना अमीर है सबरीमाला मंदिर? (आंकड़े जानकर चौंक जाएंगे!)
यह 'गायब' सोना ऊँट के मुँह में जीरे के समान है, क्योंकि भगवान अयप्पा का यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। यहाँ हर साल इतना चढ़ावा आता है कि आप गिनना भूल जाएँगे।
वार्षिक आय: अकेले 'मकरविलक्कु' उत्सव के दौरान, मंदिर 350 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करता है। पूरे वर्ष की कमाई का अनुमान लगाना भी मुश्किल है।
बैंकों में जमा खजाना: मंदिर के पास हजारों किलो सोना और बैंकों में करोड़ों रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) जमा है। एक अनुमान के अनुसार, मंदिर के पास बैंकों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक नकदी और सोना सुरक्षित है।
धन का पहाड़: हर साल चढ़ावे में आने वाले सिक्कों का वजन इतना अधिक होता है कि उन्हें गिनने में महीनों और दर्जनों मशीनों का समय लग जाता है।
इस मंदिर की आय का मुख्य स्रोत भक्तों द्वारा दिया गया दान, चढ़ावा और विभिन्न पूजाओं से होने वाली आमदनी है। आस्था की इसी दौलत ਨੇ इसे भारत के सबसे धनी धार्मिक स्थलों में से एक बना दिया है।
यह विवाद एक तरफ जहां मंदिर प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करता है, वहीं दूसरी तरफ यह भगवान अय्यपा के प्रति लोगों की अटूट आस्था और समर्पण को भी दिखाता है।
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