Gaza Peace Summit : क्या पीएम मोदी शांतिदूत बनेंगे? मिस्र से आया बड़ा न्योता

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News India Live, Digital Desk: Gaza Peace Summit : इजरायल और हमास के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए मिस्र में एक बड़ी बैठक होने जा रही है. इस शांति शिखर सम्मेलन (Peace Summit) के लिए दुनिया भर के बड़े नेताओं को बुलाया गया है. खबर है कि इस अहम बैठक में शामिल होने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा है.

यह बैठक 13 अक्टूबर को मिस्र के शर्म अल-शेख में होने वाली है. इसका मकसद गाजा पट्टी में चल रही लड़ाई को खत्म करने और मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए रास्ता निकालना है.

अचानक क्यों आया पीएम मोदी को बुलावा?

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी को यह निमंत्रण शनिवार को ही, यानी बैठक से कुछ ही समय पहले दिया गया है. हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि पीएम मोदी इस सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं

इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिलकर करेंगे, जिसमें 20 से ज्यादा देशों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. मिस्र के राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बैठक का लक्ष्य गाजा में युद्ध को समाप्त करना और इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के एक नए दौर की शुरुआत करना है.

भारत के लिए क्यों अहम है यह बैठक?

अगर प्रधानमंत्री मोदी इस न्योते को स्वीकार करते हैं तो यह भारत के लिए एक बड़ा कूटनीतिक अवसर हो सकता है. इस बैठक में शामिल होने से भारत को कई फायदे हो सकते हैं:

  • मध्य पूर्व में भारत की बढ़ती भूमिका और उपस्थिति दिखेगी.
  • यह फिलिस्तीन और क्षेत्र में शांति के प्रति भारत के समर्थन को प्रदर्शित करने का एक मौका होगा.
  • पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं से सीधे मुलाकात करने का अवसर मिलेगा.
  • मिस्र के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे

हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका द्वारा लाए गए गाजा शांति समझौते के पहले चरण का स्वागत किया था और उम्मीद जताई थी कि इससे बंधकों की रिहाई होगी और शांति का रास्ता बनेगा.अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या भारत इस शांति शिखर सम्मेलन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा.

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