Garuda Purana's terrifying secret: झूठ बोलने वालों को नरक में मिलती है ऐसी दर्दनाक सजा कांप जाएगी रूह

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News India Live, Digital Desk: Garuda Purana's terrifying secret: हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक, गरुड़ पुराण कर्म और उसके परिणामों पर आधारित एक गहरा दर्शन प्रस्तुत करता है। भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच हुई बातचीत के माध्यम से यह पुराण जीवन और मृत्यु के बाद की स्थिति, पुण्य और पापों के फल, तथा विभिन्न नरकों में मिलने वाली यातनाओं का विस्तृत वर्णन करता है। यह पुराण विशेष रूप से उन भयानक परिणामों के बारे में बताता है, जिनका सामना व्यक्ति को उसके किए गए बुरे कर्मों के कारण करना पड़ता है।

गरुड़ पुराण में असत्य बोलने यानी झूठ बोलने के दुष्परिणामों पर बहुत विस्तार से प्रकाश डाला गया है। यह सिर्फ सामान्य झूठ के बारे में नहीं, बल्कि उन बड़े झूठों की बात करता है जिनसे दूसरों का जीवन प्रभावित होता है, उन्हें कष्ट होता है या उनके साथ अन्याय होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति झूठ का सहारा लेकर दूसरों को कष्ट पहुँचाता है या झूठी गवाही देता है, उसकी आत्मा 'रौरव नरक' में जाकर अनेक प्रकार की भीषण यातनाएं भोगती है।

यह भी बताया गया है कि पापी व्यक्ति को खौलते हुए तेल में जीवित डाला जाता है, और उसकी यातना उस झूठ से पहुँचे कष्ट का सौ गुना अधिक होती है। झूठे साक्षी या न्यायालय में झूठ बोलने वालों के लिए भी यही कठोर दंड निर्धारित है, क्योंकि उनके झूठ के कारण किसी निर्दोष को कष्ट या अन्याय झेलना पड़ता है। गरुड़ पुराण यह भी स्पष्ट करता है कि केवल झूठ बोलने वाला ही नहीं, बल्कि झूठ का समर्थन या उसे बढ़ावा देने वाला भी उतना ही दोषी होता है और उसे भी उसी प्रकार के नारकीय दंड का भागी बनना पड़ता है।

इस पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति दूसरों को धोखा देने या उन्हें पीड़ा पहुँचाने के लिए झूठ का सहारा लेता है, उसे अपने कर्मों का फल अवश्य भुगतना पड़ता है। सत्य और ईमानदारी का मार्ग अपनाने का आग्रह करता है, और यह सीख देता है कि जीवन में किए गए हर कर्म का हिसाब होता है, जिसका फल व्यक्ति को इस लोक या परलोक में भुगतना पड़ता है। अन्य गंभीर पापों में दूसरों को कष्ट देना, माता-पिता का अनादर करना, मित्रों के साथ विश्वासघात करना और बच्चों या महिलाओं को बेचना जैसे कार्य भी शामिल हैं, जिनके लिए भीषण नरक की कल्पना की गई है। इस पुराण का मुख्य उद्देश्य मनुष्यों को अच्छे कर्म करने और मोक्ष की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।

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