Ganesh Visarjan 2025: घर पर ही इस सरल विधि से करें बप्पा की विदाई, बरसेगा आशीर्वाद
News India Live, Digital Desk: दस दिनों तक घर-घर में मेहमान बनकर रहने, हर दिल में खुशियां भरने और हर संकट को हरने के बाद अब गणपति बप्पा के विदा होने का समय आ गया है. गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ यह महापर्व अब अपने अंतिम पड़ाव, यानी अनंत चतुर्दशी पर है. यही वो दिन है जब भारी मन और नम आंखों से, "गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ" के जयकारों के साथ भक्त अपने प्यारे बप्पा को विदा करते हैं.
यह सिर्फ एक मूर्ति का विसर्जन नहीं होता, बल्कि यह एक भावुक पल होता है, एक उम्मीद होती है कि बप्पा अगले साल फिर हमारे घर उतनी ही खुशियां लेकर आएंगे.
तो चलिए जानते हैं कि साल 2025 में गणेश विसर्जन कब है और आप घर पर ही सही विधि से बप्पा को विदाई कैसे दे सकते हैं.
कब है गणेश विसर्जन 2025? (Anant Chaturdashi Date)
इस साल अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन का पावन दिन ... (Please note: The exact date for 2025 will be inserted here closer to the time to ensure accuracy as per Panchang) को मनाया जाएगा. इसी दिन गणपति जी की मूर्तियों का जल में विसर्जन किया जाएगा.
गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan Shubh Muhurat 2025)
बप्पा की विदाई भी शुभ मुहूर्त में ही की जाती है, ताकि उनका आशीर्वाद साल भर हम पर बना रहे. 2025 में विसर्जन के लिए ये शुभ मुहूर्त हैं:
- सुबह का मुहूर्त:
- दिन का मुहूर्त:
- शाम का मुहूर्त:
- रात का मुहूर्त:
(Note: The specific muhurat timings will be updated based on the 2025 Panchang for accuracy.)
घर पर कैसे करें विसर्जन की पूजा? (Saral Puja Vidhi)
विसर्जन से पहले घर पर बप्पा की अंतिम पूजा और आरती ठीक वैसे ही करें जैसे आप पिछले 10 दिनों से करते आ रहे हैं.
- अंतिम पूजा: सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें. बप्पा को उनके पसंदीदा मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. उन्हें नए फूल, दूर्वा और वस्त्र अर्पित करें.
- आरती और प्रार्थना: पूरे परिवार के साथ मिलकर गणपति जी की आरती गाएं. "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें. अब तक घर में विराजने और अपनी कृपा बरसाने के लिए बप्पा का धन्यवाद करें. पूजा में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए उनसे क्षमा मांगें.
- पोटली तैयार करें: अब एक साफ कपड़े में थोड़ा चावल, गेहूं, कुछ सिक्के और मोदक या मिठाई बांधकर एक छोटी सी पोटली बना लें. इस पोटली को बप्पा की मूर्ति के साथ ही विसर्जित किया जाता है. मान्यता है कि यह बप्पा की यात्रा के लिए उनका भोजन होता है.
- मूर्ति को उठाएं: अब सम्मान के साथ गणपति की मूर्ति को उनके स्थान से धीरे-धीरे उठाएं और विसर्जन के लिए ले जाएं. इस दौरान "गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया" के जयकारे लगाते रहें.
- विसर्जन: किसी पवित्र नदी, तालाब या फिर घर में ही एक बड़े साफ टब में पानी भरकर सम्मान के साथ मूर्ति को विसर्जित करें. ध्यान रहे कि मूर्ति को फेंके नहीं, बल्कि धीरे-धीरे जल में प्रवाहित करें.
अगर आप घर पर विसर्जन कर रहे हैं, तो बाद में उस पवित्र जल और मिट्टी को अपने घर के गमलों में डाल दें. यह बप्पा के आशीर्वाद की तरह आपके घर में हमेशा मौजूद रहेगा.
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