गणेश जी को घर ला रहे हैं? पहले जान लें मूर्ति से जुड़ी ये 5 जरूरी बातें, वरना हो जाएगी बड़ी भूल

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गणेश चतुर्थी का त्योहार आते ही हर तरफ रौनक और उत्सव का माहौल छा जाता है। हम सब बड़े प्यार और उत्साह के साथ बप्पा को अपने घर लाने की तैयारी में जुट जाते हैं। बाजार रंग-बिरंगी गणेश मूर्तियों से सज जाते हैं और हमारा मन करता है कि सबसे सुंदर मूर्ति अपने घर ले आएं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणपति बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित करने के कुछ खास नियम होते हैं? वास्तु शास्त्र और पुराणों में मूर्ति के रंग, आकार, सूंड की दिशा और स्थापना की जगह को लेकर बहुत महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इन नियमों का पालन करने से ही पूजा का पूरा फल मिलता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

अगर आप भी इस गणेश चतुर्थी (जो 2025 में 29 अगस्त को है) पर गणपति जी को घर लाने वाले हैं, तो मूर्ति खरीदने से पहले इन 5 बातों को अच्छी तरह से समझ लें।

1. कैसी होनी चाहिए गणपति की मुद्रा?
घर में स्थापना के लिए हमेशा बैठे हुए गणेश जी यानी ललितासन में विराजमान मूर्ति को ही सबसे शुभ माना जाता है। बैठी हुई मुद्रा धन और स्थिरता को दर्शाती है। वहीं, खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति ऑफिस या काम करने की जगह के लिए अच्छी मानी जाती है।

2. किस दिशा में हो बप्पा की सूंड?
यह सबसे जरूरी बातों में से एक है। घर के लिए ऐसी मूर्ति चुनें जिनकी सूंड बाईं ओर (वाममुखी) मुड़ी हुई हो। बाईं ओर सूंड वाले गणपति को शांत और गृहस्थ जीवन के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इनकी पूजा-पाठ के नियम भी सरल होते हैं। दाईं ओर सूंड वाले गणपति (सिद्धिविनायक) बहुत शक्तिशाली होते हैं और उनकी पूजा के लिए कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है, जो घर पर संभव नहीं हो पाता।

3. मूर्ति का आकार कितना बड़ा हो?
अक्सर लोग बड़ी और भव्य मूर्ति की तरफ आकर्षित होते हैं, लेकिन घर में स्थापना के लिए बहुत बड़ी मूर्ति शुभ नहीं मानी जाती है। अपनी श्रद्धा और घर में जगह के हिसाब से एक मध्यम आकार की मूर्ति का ही चुनाव करें। मूर्ति ऐसी होनी चाहिए कि उसे उठाने और विसर्जित करने में आसानी हो।

4. कौन सा रंग है सबसे शुभ?
गणपति जी की मूर्ति का रंग भी बहुत मायने रखता है। सिंदूरी या लाल रंग के गणेश जी को घर में लाना सबसे ज्यादा मंगलकारी माना जाता है। यह रंग ऊर्जा, उत्साह और समृद्धि का प्रतीक है। इसके अलावा, आप सफेद रंग के गणेश जी की मूर्ति भी ला सकते हैं, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक है।

5. मूर्ति स्थापना की सही दिशा और जगह?
गणपति जी की स्थापना हमेशा घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में ही करनी चाहिए। यह दिशा देवताओं का स्थान मानी जाती है। जब आप मूर्ति स्थापित करें तो उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए, ताकि पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा में रहे। इस बात का भी ध्यान रखें कि मूर्ति को कभी भी बाथरूम की दीवार या बेडरूम में स्थापित न करें।

बप्पा भाव के भूखे होते हैं, लेकिन अगर इन छोटे-छोटे नियमों का ध्यान रखा जाए, तो उनकी कृपा हम पर और भी ज्यादा बरसती है।

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