Ganesh Chaturthi 2025 : जानें गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त, सरल पूजा विधि और चंद्र दर्शन का सही समय
Newsindia live,Digital Desk: Ganesh Chaturthi 2025 : गणपति बप्पा के भक्तों का इंतज़ार अब खत्म होने वाला है। इस साल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाया जाएगा।[1] यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तगण अपने घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिनों तक उनकी सेवा और आराधना करते हैं।[2]
अगर आप भी इस साल अपने घर पर गणपति बप्पा को लाने की तैयारी कर रहे हैं, तो उनकी स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त, सही पूजा विधि और इससे जुड़ी कुछ ज़रूरी बातों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से शुरू होगी और 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
गणपति जी की मूर्ति स्थापना के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस शुभ अवधि में आप अपने घर पर गणपति की स्थापना कर सकते हैं।
राहुकाल का रखें ध्यान
इस दिन दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से राहुकाल शुरू हो जाएगा, जो अशुभ समय माना जाता है। इसलिए, यह बेहतर होगा कि आप गणपति की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का कार्य दोपहर 12:22 बजे से पहले ही संपन्न कर लें।
बहुत ही सरल पूजा विधि
घर पर गणपति की स्थापना और पूजा आप बहुत ही आसान तरीके से कर सकते हैं:
सबसे पहले पूजा स्थल को साफ़ करके एक चौकी रखें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
अब चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रहे कि मूर्ति का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
इसके बाद, एक कलश में जल भरकर उसे चौकी की बाईं ओर रखें और दीपक जलाएं।
अब बप्पा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं।
भगवान गणेश को दूर्वा (घास), फूल, माला, और सिंदूर अर्पित करें।
इसके बाद, उनके प्रिय भोग मोदक या लड्डू चढ़ाएं।
अंत में, गणेश चालीसा का पाठ करें और फिर सपरिवार आरती करके सभी को प्रसाद बांटें।
इस दिन क्यों नहीं करने चाहिए चांद के दर्शन?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रोदय का समय सुबह 09 बजकर 28 मिनट के आसपास रहेगा और चन्द्रास्त रात लगभग 09 बजे होगा। कहा जाता है कि इस दिन चांद देखने से व्यक्ति पर झूठा कलंक लग सकता है, इसलिए इस दिन चांद के दर्शन करने से बचना चाहिए।
इन सरल विधि और सही मुहूर्त का ध्यान रखकर आप भी अपने घर पर गणपति बप्पा का स्वागत कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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