Ganesh Chaturthi 2025: बप्पा की स्थापना के दौरान इन नियमों का करें पालन, मिलेगी सुख-समृद्धि

Post

News India Live, Digital Desk: Ganesh Chaturthi 2025:  गणेश चतुर्थी का पावन पर्व, भगवान गणेश को समर्पित, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पूरे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. वर्ष 2025 में, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी, और यह 10 दिवसीय उत्सव 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर अवतरित हुए थे, और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है.

जब आप गणपति बप्पा को अपने घर ला रहे हों, तो कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके.

सबसे पहले, मूर्ति का चुनाव सावधानी से करें. यह सुनिश्चित करें कि गणेश जी की मूर्ति खंडित न हो. मूर्ति खरीदते समय यह भी ध्यान रखें कि भगवान गणेश की सूंड दाहिनी ओर हो और वह बैठे हुए आसन में हों. मूर्ति के साथ उनका वाहन चूहा भी बना होना चाहिए, क्योंकि वह भगवान गणेश के प्रिय साथी माने जाते हैं.

गणेश स्थापना के लिए सही दिशा का चयन बहुत मायने रखता है. मूर्ति का मुख कभी भी दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए. ब्रह्म स्थान, पूर्व दिशा और उत्तर-पूर्व कोण (ईशान कोण) गणपति स्थापना के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं. भूलकर भी मूर्ति को दक्षिण या नैऋत्य कोण में स्थापित न करें

एक बार भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद, उसे विसर्जन से पहले वहाँ से नहीं हटाना चाहिए. जब तक बप्पा घर में विराजित हैं, घर को कभी भी सूना नहीं छोड़ना चाहिए और न ही स्थापना वाली जगह पर अंधेरा करना चाहिए घर में हर दिन सफाई बनाए रखना भी आवश्यक है.

उत्सव के इन दस दिनों के दौरान, प्रतिदिन सुबह और शाम गणेश जी की आरती करनी चाहिए और उन्हें मोदक, फल, दूर्वा घास और लाल फूल जैसे प्रिय भोग अर्पित करने चाहिए. पूजा में मोदक, फूल, दीपक और अगरबत्ती का उपयोग करना विशेष फलदायी माना जाता है पूरे दस दिनों तक परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठकर गणेश जी की स्तुति, मंत्र जाप और भजन गाना चाहिए तामसिक भोजन (मांसाहार, प्याज, लहसुन) का घर में सेवन और भंडारण पूरी तरह से वर्जित होता है.

गणपति विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) 6 सितंबर, 2025 को होगा. यह त्योहार प्रकृति के सृजन और विनाश के चक्र का प्रतीक माना जाता है. विसर्जन के दौरान, भक्त "गणपति बप्पा मोरया, अगले साल जल्दी आना!" जैसे नारे लगाते हुए बप्पा को विदा करते हैं, जो उनके अटूट विश्वास और भक्ति को दर्शाता है. इन सभी नियमों का निष्ठापूर्वक पालन करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं

 

--Advertisement--

Tags:

Ganesh Chaturthi Ganpati Puja Bappa Sthapna Idol Installation Worship Rules festival Hinduism Hindu festival Lord Ganesha Auspicious Time Bhadrapada month Shukla Paksha Chaturthi Tithi Anant Chaturdashi Ganesh Visarjan Modak Dhruva Grass Aarti bhajans Chanting Auspicious Direction Murti Placement Home decoration South Direction Nirrutya Kona Brahmasthan Northeast Corner Eastern Direction Vastu Shastra Broken Idol Mouse (Vehicle) Right Trunk Sitting Posture Ten-day Festival Prosperity Happiness wisdom good fortune Obstacle Remover devotion Rituals offerings Pooja Vidhi cleanliness Tamasic Food Family Gatherings Spiritual Practices Maharashtra Festival faith गणेश चतुर्थी गणपति पूजा बप्पा स्थापना मूर्ति स्थापना पूजा के नियम उत्सव हिंदू धर्म हिंदू त्योहार भगवान गणेश शुभ मुहूर्त भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि अनंत चतुर्दशी गणेश विसर्जन मोदक दूर्वा घास आरती भजन मंत्र जाप शुभ दिशा मूर्ति स्थापना गृह सज्जा दक्षिण दिशा नैऋत्य कोण ब्रह्मस्थान ईशान कोण वास्तु शास्त्र खंडित मूर्ति चूहा (वाहन) दाहिनी सूंड बैठी हुई मुद्रा दस दिवसीय उत्सव समृद्धि खुशी बुद्धि सौभाग्य विघ्नहर्ता भक्ति अनुष्ठान भांग पूजा विधि स्वच्छता तामसिक भोजन पारिवारिक मिलन आध्यात्मिक प्रथाएं महाराष्ट्र पर्व आस्था

--Advertisement--