भारत की सड़कों पर असली मुकाबला किससे? Uber के CEO ने लिया एक ऐसा नाम जो सबको चौंका गया
जब भी हम भारत में टैक्सी या कैब सर्विस की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में दो ही नाम आते हैं - Uber और Ola। सालों से इन दोनों कंपनियों के बीच ग्राहकों को अपनी ओर खींचने की एक ऐसी होड़ मची है, जिसे देखकर लगता है कि ये एक-दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन हैं। लेकिन हाल ही में Uber के CEO दारा खोस्रोशाही ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने पूरी इंडस्ट्री को चौंका कर रख दिया है।
उनके मुताबिक, भारत में Uber का सबसे बड़ा मुकाबला ओला से नहीं, बल्कि उस कंपनी से है जिसे हम अक्सर सिर्फ बाइक-टैक्सी के लिए जानते हैं - Rapido!
Uber को ओला से ज्यादा Rapido से डर क्यों लगता है?
यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन इसके पीछे एक बहुत गहरी और सोची-समझी रणनीति है। दारा खोस्रोशाही का मानना है कि भारत एक ऐसा बाजार है जहां कीमत सबसे ज्यादा मायने रखती है। यहां के लोग हमेशा एक किफायती विकल्प की तलाश में रहते हैं। Rapido ने इसी नब्ज को पकड़ा है।
उन्होंने अपनी शुरुआत बाइक-टैक्सी से की, जो कार के मुकाबले कहीं ज्यादा सस्ती है। इससे उन्होंने उन लाखों ग्राहकों को अपनी ओर खींच लिया जो रोजाना सफर के लिए एक सस्ता और तेज जरिया ढूंढ रहे थे। अब Rapido धीरे-धीरे ऑटो और कैब सर्विस में भी उतर रही है। उनका ग्राहक आधार पहले से ही मजबूत है, और अब वे उन्हीं ग्राहकों को अपनी दूसरी सेवाएं भी दे रहे हैं।
Uber के CEO का कहना है कि जो कंपनी सबसे कम कीमत पर अपनी सेवा दे पाती है, असली मुकाबला उसी से होता है। Rapido ठीक यही कर रही है। उनका बिजनेस मॉडल भारत जैसे बाजार के लिए बिल्कुल फिट बैठता है।
यह बयान इस बात का साफ संकेत है कि भारत में कैब का बाजार अब बदल रहा है। अब लड़ाई सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों के बीच नहीं, बल्कि उस कंपनी से है जो आम आदमी की जेब का सबसे ज्यादा ध्यान रख रही है।
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