"दोस्त देश" नेपाल में इतना बड़ा धोखा! भारतीय टूरिस्टों की बस पर पत्थर-लाठियां, सामान तक लूट ले गए
"नेपाल हमारे अपने घर जैसा है,"... जब भी कोई भारतीय नेपाल जाता है, तो उसके मन में यही विश्वास होता है। लेकिन हाल ही में राजधानी काठमांडू से एक ऐसी चौंकाने वाली और दुखद खबर आई है, जिसने इस विश्वास को बुरी तरह हिलाकर रख दिया है।
वहाँ घूमने गए भारतीय पर्यटकों से भरी एक बस पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने अचानक हमला कर दिया। बस पर न सिर्फ पत्थर बरसाए गए, बल्कि उसमें बैठे लोगों का सामान और पैसे तक लूट लिए गए।
आखिर ये गुस्सा किस बात का था और भारतीयों को क्यों बनाया निशाना?
यह सुनकर आपको और भी हैरानी होगी कि इस हमले के पीछे कोई पुरानी दुश्मनी नहीं, बल्कि नेपाल के युवा प्रदर्शनकारी थे, जिन्हें वहाँ की मीडिया 'Gen-Z' प्रदर्शनकारी कह रही है। ये युवा असल में अपनी सरकार के किसी नए नियम के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
लेकिन यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन अचानक तब हिंसक हो गया, जब उनकी नज़र भारतीय नंबर प्लेट वाली टूरिस्ट बस पर पड़ी। फिर क्या था, भीड़ ने अपना सारा गुस्सा उस बस पर ही निकाल दिया।
बस के अंदर क्या था मंजर?
कल्पना कीजिए, आप एक खूबसूरत देश में घूमने गए हैं और अचानक आपकी बस को एक गुस्साई भीड़ घेर लेती है। चारों तरफ से पत्थर बरसने लगते हैं, बस के शीशे टूट जाते हैं और अंदर बैठे बच्चे और महिलाएं चीखने-चिल्लाने लगते हैं। काठमांडू में भारतीय पर्यटकों ने इसी खौफ को महसूस किया।
हमलावर यहीं नहीं रुके, वे बस के अंदर घुस आए और डरे-सहमे यात्रियों से उनका कीमती सामान, मोबाइल फोन और कैश तक लूटकर फरार हो गए। इस घटना ने पर्यटकों के मन में एक गहरा डर बिठा दिया है।
सरकार और दूतावास ने क्या किया?
यह घटना सामने आते ही भारत और नेपाल, दोनों देशों में हड़कंप मच गया। काठमांडू में स्थित भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने तुरंत इस पर एक्शन लिया है। उन्होंने नेपाल जाने वाले या वहाँ पहले से मौजूद सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
दूतावास ने साफ-साफ कहा है कि भारतीय नागरिक विरोध प्रदर्शन वाली जगहों से दूर रहें, अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत दूतावास से संपर्क करें।
यह घटना उन हज़ारों भारतीयों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है जो हर साल नेपाल घूमने जाते हैं। उम्मीद है कि नेपाल सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी ताकि भविष्य में किसी भी मेहमान के साथ ऐसा सलूक न हो और दोनों देशों के बीच का दोस्ताना रिश्ता बना रहे।
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