बिहार में NDA के अंदर ही दोस्ताना लड़ाई शुरू? मांझी ने चिराग पासवान के खिलाफ ठोकी ताल

Post

News India Live, Digital Desk: बिहार की राजनीति (बिहार की राजनीति 2025) में चुनाव से पहले ही सियासी गर्मी बढ़ गई है! राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर अब 'दोस्ताना लड़ाई' (friendly fight in NDA Bihar) देखने को मिल रही है, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठने लगे हैं. खबर आ रही है कि जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM), बोधगया और मखदुमपुर सीट (बोधगया मखदुमपुर सीट) पर चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJP) के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेगी. यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जब NDA गठबंधन सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा है.

क्यों हो रही है ये 'दोस्ताना लड़ाई'?

बताया जा रहा है कि सीटों के बंटवारे (NDA seat allocation Bihar) को लेकर HAM और LJP (चिराग पासवान की पार्टी) के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. दोनों पार्टियां अपने लिए ज्यादा सीटें चाहती हैं और कुछ ख़ास सीटों पर अपनी मज़बूत दावेदारी पेश कर रही हैं. ऐसे में जब बातचीत सफल नहीं हुई, तो जीतन राम मांझी ने इन दोनों सीटों (बोधगया और मखदुमपुर) पर चिराग पासवान की पार्टी के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला कर लिया है.

इस 'लड़ाई' का क्या असर होगा?

NDA के अंदर ऐसी 'दोस्ताना लड़ाई' होने से गठबंधन को नुकसान हो सकता है. विपक्षी महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) इसे अपने फायदे के तौर पर देख सकता है. यह भाजपा (BJP Bihar) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar JDU) के लिए भी एक चिंता का विषय होगा, क्योंकि वे नहीं चाहेंगे कि उनके सहयोगी दलों के बीच मतभेद चुनावों के दौरान वोटों का बंटवारा करवाएं.

यह स्थिति दर्शाती है कि NDA के भीतर हर पार्टी अपना दबदबा और राजनीतिक ताकत साबित करना चाहती है. बोधगया और मखदुमपुर जैसी सीटों पर ये सीधा मुकाबला दिखाता है कि अब सीट बंटवारे का खेल काफी आगे निकल चुका है. अब देखना यह होगा कि भाजपा और JDU के बड़े नेता इस मामले को कैसे सुलझाते हैं, और क्या यह 'दोस्ताना लड़ाई' एक बड़ी राजनीतिक दरार में बदल जाती है या फिर इसे चुनावों से पहले शांत कर लिया जाता है. यह बिहार चुनाव (बिहार विधानसभा चुनाव) में NDA की अंदरूनी एकजुटता की एक बड़ी परीक्षा होगी.

--Advertisement--