किंग कोहली की फॉर्म में गिरावट ,दो मैचों में लगातार 'जीरो' पर आउट होने के बाद फैंस परेशान

Post

News India Live, Digital Desk: विराट कोहली (Virat Kohli) को दुनिया का महानतम बल्लेबाज माना जाता है, खासकर लिमिटेड ओवर फॉर्मेट (Limited Overs Format) में उनका रिकॉर्ड बेमिसाल है। लेकिन इन दिनों चल रही भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज में उनका बल्ला बिल्कुल खामोश रहा है।

इस सीरीज में विराट कोहली लगातार दो वनडे मैचों में खाता खोलने से पहले ही पवेलियन लौट गए, यानी लगातार दो 'डक' (Duck - जीरो पर आउट होना) पर आउट हुए। यह ऐसी चीज है जो हमने विराट कोहली के साथ लंबे समय में शायद ही कभी देखी हो।

उनकी इस निराशाजनक फॉर्म (भले ही ये अस्थायी हो) ने कई क्रिकेट विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है। दिग्गज कमेंटेटर और विश्लेषकों ने कहा है कि विराट कोहली अगर 2027 के वनडे वर्ल्ड कप (2027 ODI World Cup) पर नज़रें गड़ाए बैठे हैं, तो उन्हें अपनी अप्रोच पर फिर से काम करने की ज़रूरत है, क्योंकि 'वक्त तेज़ी से निकल रहा है'।

लगातार दो डक के बाद एक्सपर्ट्स क्यों चिंतित हैं?

विराट कोहली ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था, लेकिन उसके बाद उन्होंने T20 क्रिकेट में अपने अटैकिंग और तेज गेम को दिखाने की कोशिश की है। विशेषज्ञों की चिंता का विषय यह नहीं है कि कोहली ने रन नहीं बनाए, बल्कि उनकी आउट होने का तरीका है।

एक्सपर्ट की सीधी 'चेतावनी':

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी परफॉर्मेंस के बाद एक सीनियर क्रिकेट कमेंटेटर ने कहा कि: "कोहली जैसे सुपरस्टार बल्लेबाज के लिए भी 2027 का वर्ल्ड कप अभी काफी दूर है। अगर वह अपनी उम्र और फिटनेस को देखते हुए इस फॉर्मेट में लंबे समय तक रहना चाहते हैं, तो उन्हें अब सिर्फ 'एक साल पहले की तैयारी' नहीं करनी होगी, बल्कि अभी से ही अपने प्रदर्शन को बेहतरीन रखना होगा।"

क्या उम्र का असर दिख रहा है?

विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे खिलाड़ी की उम्र बढ़ती है, उनका प्रतिक्रिया समय (Reaction Time) थोड़ा प्रभावित हो सकता है। कोहली भले ही फिट हों, लेकिन 2027 वर्ल्ड कप तक वह 38-39 साल के होंगे। क्रिकेट की बदलती गति को देखते हुए, उन्हें हर सीरीज में अपने आपको प्रूव करना होगा कि वह अभी भी टीम की मध्यक्रम में एक भरोसेमंद दीवार हैं।

विराट कोहली हमेशा एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो आलोचना को प्रदर्शन से जवाब देते हैं। उनके फैन्स को उम्मीद होगी कि ये दो खराब पारियां सिर्फ एक अस्थायी रुकावट हैं, और वह तीसरे वनडे या अगली सीरीज में दमदार वापसी करेंगे। लेकिन एक्सपर्ट्स की यह चेतावनी शायद उनके दिमाग में रहेगी कि बड़े टूर्नामेंट्स में जगह बनाने के लिए, बड़े खिलाड़ियों को भी हर मैच में खुद को साबित करना पड़ता है।

यह उनके करियर के उस मोड़ को दिखाता है, जहां एक छोटी सी कमी भी बड़े सवाल खड़े कर सकती है।

--Advertisement--