Expressway of Death : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 1 महीने में 123 हादसे, वजह जानकर कांप जाएगी रूह

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News India Live, Digital Desk : उत्तर प्रदेश की तरक्की का प्रतीक माना जाने वाला आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे इन दिनों एक खतरनाक वजह से सुर्खियों में है। सपाट और चिकनी सड़कों वाला यह एक्सप्रेसवे, जो सफर को आसान बनाने के लिए बनाया गया था, अब 'मौत का एक्सप्रेसवे' बनता जा रहा है। आंकड़े इतने भयावह हैं कि किसी की भी रूह कांप जाए। पिछले सिर्फ एक महीने में इस एक्सप्रेसवे पर 123 से ज्यादा छोटे-बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

जब इन हादसों की वजह जानने के लिए पड़ताल की गई, तो जो कारण सामने आया, वह तेज रफ्तार या खराब मौसम नहीं, बल्कि एक ऐसा 'साइलेंट किलर' है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं - ड्राइवर को नींद की झपकी आना (Driver Drowsiness)

क्यों बन रही है नींद 'जानलेवा'?

एक्सप्रेसवे की लंबी और सीधी सड़कें ड्राइवरों के लिए एक तरह का सम्मोहन (hypnosis) पैदा करती हैं। लगातार एक ही तरह का दृश्य और सीधी सड़क होने के कारण दिमाग पर कम जोर पड़ता है, जिससे ऊब और थकान जल्दी महसूस होने लगती है। खासकर रात के समय या दोपहर के खाने के बाद, जब शरीर स्वाभाविक रूप से थोड़ा सुस्त होता है, तब यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

  • माइक्रो-स्लीप का खतरा: कई बार ड्राइवरों को पता भी नहीं चलता और वे कुछ सेकंड के लिए 'माइक्रो-स्लीप' यानी बहुत छोटी झपकी के शिकार हो जाते हैं। 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर, 3-4 सेकंड की यह झपकी भी गाड़ी को सैकड़ों मीटर तक बिना किसी कंट्रोल के ले जाने के लिए काफी होती है, और यही भयानक हादसों की वजह बनती है।
  • रेस्ट एरिया का कम इस्तेमाल: एक्सप्रेसवे पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ड्राइवरों के आराम करने के लिए रेस्ट एरिया बनाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर ड्राइवर जल्दी पहुंचने की होड़ में इनका इस्तेमाल नहीं करते।

अधिकारी क्या कर रहे हैं?

लगातार हो रहे इन हादसों ने अधिकारियों की भी नींद उड़ा दी है। यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) और परिवहन विभाग अब इस समस्या से निपटने के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं।

  • जागरूकता अभियान: ड्राइवरों को नींद और थकान के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
  • गश्त और निगरानी: एक्सप्रेसवे पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जा रही है और कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
  • ड्राइवरों के लिए सलाह: ड्राइवरों से अपील की जा रही है कि वे हर दो-ढाई घंटे के सफर के बाद 15-20 मिनट का ब्रेक जरूर लें, थोड़ा टहलें, चाय-कॉफी पिएं और चेहरे को पानी से धोएं। अगर नींद आए तो गाड़ी को सुरक्षित जगह पर रोककर थोड़ी देर सो जाएं।

आपकी जान आपकी जिम्मेदारी है

याद रखिए, एक्सप्रेसवे पर आपकी एक छोटी सी लापरवाही न केवल आपकी, बल्कि सड़क पर चल रहे दूसरे बेगुनाह लोगों की भी जान ले सकती है। मंजिल पर देर से पहुंचना, कभी न पहुंचने से हमेशा बेहतर होता है। इसलिए, अगली बार जब आप इस एक्सप्रेसवे पर सफर करें, तो अपनी नींद को नजरअंदाज करने की गलती बिल्कुल न करें।

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