एक्सप्रेसवे ने बदली किसानों की किस्मत, जमीन का मुआवजा मिला तो रातों-रात बन गए करोड़पति

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जब भी देश में विकास की कोई बड़ी सड़क या एक्सप्रेसवे बनता है, तो वह सिर्फ शहरों को ही नहीं जोड़ता, बल्कि रास्ते में पड़ने वाले गांवों और खेतों की पूरी कहानी ही बदलकर रख देता है। ऐसा ही कुछ हो रहा है उन किसानों के साथ, जिनकी जमीनें सरकार द्वारा बड़े-बड़े एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाने के लिए ली जा रही हैं।

कैसे बदल रही है जिंदगी?

सोचिए, एक किसान जो अपनी जमीन पर खेती करके साल में कुछ लाख रुपये कमाता था, उसे एक दिन पता चलता है कि सरकार उसकी जमीन के बदले उसे करोड़ों रुपये दे रही है। यह कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत है।

दरअसल, जब सरकार किसी एक्सप्रेसवे, हाईवे या इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण करती है, तो वह किसानों को उस जमीन का मुआवजा देती है। यह मुआवजा अक्सर जमीन के मौजूदा सर्किल रेट या बाजार भाव से कई गुना ज्यादा होता है।

ट्रैक्टर की जगह खड़ी हैं लग्जरी गाड़ियां

नतीजा यह हो रहा है कि जिन किसानों के खाते में कभी कुछ हजार रुपये होते थे, आज उनके बैंक अकाउंट में करोड़ों रुपये आ गए हैं। इस पैसे से उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है। कई किसानों ने अपने पुराने कच्चे घरों को तोड़कर शानदार पक्के मकान बना लिए हैं। जिनके दरवाजों पर कभी ट्रैक्टर खड़ा होता था, वहां आज नई-नई लग्जरी गाड़ियां खड़ी हैं।

बहुत से किसान इस पैसे का सही इस्तेमाल कर रहे हैं - वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रहे हैं, कोई नया बिजनेस शुरू कर रहे हैं या फिर किसी दूसरी जगह पर निवेश कर रहे हैं।

हालांकि, अपनी पुश्तैनी जमीन को छोड़ना किसी के लिए भी आसान नहीं होता, लेकिन सरकार से मिल रहा यह भारी-भरकम मुआवजा उनके भविष्य को सुरक्षित करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह विकास का एक ऐसा पहिया है, जो घूमता है तो कई लोगों की किस्मत भी घुमा देता है।

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