Enforcement Directorate : कोल्डरिफ सिरप स्कैम ,गाजियाबाद से खुले काले धंधे के राज, करोड़ों की संपत्ति जब्त
News India Live, Digital Desk: हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 'कोल्डरिफ' कफ सिरप से जुड़े एक बड़े मामले में अपनी जांच तेज कर दी है. इस मामले में अब गाजियाबाद की दवा कंपनी 'श्रीसन फार्मा' और इससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर ED ने छापेमारी की है. यह कार्रवाई नकली और मिलावटी कफ सिरप बनाने और बेचने, मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़ी है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को सीधे तौर पर खतरा था.
दरअसल, इस पूरी कहानी की जड़ें कई साल पुरानी हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फरवरी 2024 में नकली और मिलावटी दवाएं बनाने के आरोप में अफ्फक खान और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इससे पहले, अक्टूबर 2023 में, हरियाणा के एक ड्रग कंट्रोलर की शिकायत पर बागपत में नकली दवाओं के वितरकों के खिलाफ छापे मारे गए थे, तब कोल्डरिफ कफ सिरप के नकली बैच मिले थे.
ED का आरोप है कि श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर अफ्फक खान इस पूरे अवैध धंधे का मुख्य साजिशकर्ता है. जांच में सामने आया है कि उसने नकली कफ सिरप, खास तौर पर 'कोल्डरिफ', को बनाकर और बेचकर करीब 250 करोड़ रुपये कमाए हैं. ये सिरप असल में मिलावटी और नकली थे, जिन्हें बिहार, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में, खासकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में बेचा जाता था. इन सिरपों में कोडीन जैसा नशीला पदार्थ भी होता था, जिसे नियमों के हिसाब से नहीं बेचा जाना चाहिए.
ED की मानें तो अफ्फक खान ने इन गैरकानूनी पैसों को कई कंपनियों में लगाया और रिश्वत देकर दवा बनाने के लाइसेंस भी हासिल किए. छापेमारी के दौरान, ED ने गाजियाबाद और बागपत में श्रीसन फार्मा और अफ्फक खान, जावेद अख्तर (जो कथित तौर पर इस कंपनी के डायरेक्टर हैं) और उनके कर्मचारियों, जैसे इरफान कुरेशी के ठिकानों पर तलाशी ली. इसमें उनके घर और व्यावसायिक जगहें, दोनों शामिल थीं.
इस दौरान, जांच अधिकारियों ने कई अहम सबूत जुटाए हैं. उन्होंने मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. इसके अलावा, 88.5 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं और लगभग 1.50 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. ED ने 91 लाख रुपये बैंक खातों में और 14.5 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट भी फ्रीज कर दी है, इस तरह कुल 3.4 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त या चिह्नित की गई है.
ED ने जांच में छह फर्जी कंपनियां और 24 ऐसे बैंक खाते भी ढूंढ निकाले हैं, जिनका इस्तेमाल इस काले धन को इधर से उधर करने के लिए किया जा रहा था. इन पैसों से 11 संपत्तियां भी खरीदी गई थीं. ED की आगे की जांच जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जिससे ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
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