Emotional Interview : मैं बस रोती रहती थी - फराह खान ने खोला ओम शांति ओम के सेट का सबसे दर्दनाक राज़
News India Live, Digital Desk : फराह खान... बॉलीवुड का वो नाम जिसे हम शानदार कोरियोग्राफी, सुपरहिट फिल्मों और बिंदास अंदाज के लिए जानते हैं। खासकर उनकी फिल्म 'ओम शांति ओम', जिसने शाहरुख खान को सिक्स-पैक एब्स में दिखाया और दीपिका पादुकोण को स्टार बना दिया, आज भी लोगों की पसंदीदा फिल्मों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब पर्दे पर 'ऑल इज वेल' और 'आंखों में तेरी' जैसे खुशनुमा गाने चल रहे थे, तब उस फिल्म की डायरेक्टर फराह खान अंदर ही अंदर एक बहुत बड़े दर्द से गुजर रही थीं?
यह वो दर्द था जो हर उस महिला को महसूस होता है जो माँ बनना चाहती है, लेकिन किस्मत उसका साथ नहीं दे रही होती। फराह खान ने हाल ही में खुलासा किया है कि 'ओम शांति ओम' की मेकिंग के दौरान वह IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए माँ बनने की कोशिश कर रही थीं, और इस प्रक्रिया में उन्हें एक नहीं, बल्कि दो बार असफलता का सामना करना पड़ा था।
सेट पर डायरेक्शन, वैनिटी वैन में इंजेक्शन
एक हालिया इंटरव्यू में अपने उस मुश्किल दौर को याद करते हुए फrah ने बताया, "ओम शांति ओम की शूटिंग के दौरान, मैं IVF करवा रही थी... मैं वैनिटी वैन में इंजेक्शन लेती थी। यह बहुत मुश्किल था।"
उन्होंने उस दौर की अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा, "जब आपका IVF फेल होता है, तो ऐसा लगता है जैसे आपका बच्चा मर गया हो। तो 'दर्द-ए-डिस्को' की शूटिंग से ठीक पहले मेरा IVF फेल हो गया था। 'ओम शांति ओम' के दौरान दो बार मेरा IVF फेल हुआ।"
"मैं बस रोती रहती थी..."
फराह ने बताया कि इस प्रक्रिया के शारीरिक दर्द से कहीं ज्यादा इसका मानसिक और भावनात्मक दर्द होता है। उन्होंने कहा, "मैं बस रोती रहती थी। लोगों को लगता था कि मैं बहुत मूडी हूं, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि मैं किस दौर से गुजर रही हूं।" उन्होंने यह भी बताया कि उस समय लोग IVF के बारे में खुलकर बात नहीं करते थे, इसलिए यह और भी मुश्किल हो जाता था। शाहरुख खान उन चंद लोगों में से थे जिन्हें उनके इस संघर्ष के बारे में पता था और वह उन्हें हमेशा सपोर्ट करते थे।
और फिर आईं तीन खुशियां
कहते हैं कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। दो बार असफलता का दर्द झेलने के बाद, फराह खान और उनके पति शिरीष कुंदर की प्रार्थनाएं आखिरकार सुनी गईं। फिल्म की रिलीज के कुछ ही समय बाद, 43 साल की उम्र में फराह ने IVF के जरिए एक साथ तीन बच्चों - एक बेटा और दो बेटियों को जन्म दिया।
फराह खान की यह कहानी सिर्फ एक सफल फिल्ममेकर की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत महिला की कहानी भी है, जो करियर की ऊंचाइयों पर रहते हुए भी माँ बनने के लिए चुपचाप एक जंग लड़ रही थी। यह कहानी उन लाखों महिलाओं को हिम्मत देती है जो इस दर्द भरे सफर से गुजरती हैं।
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